मैं अगर BJP के एजेंडे पर काम करूंगा तो कांग्रेस और JDU को मजबूत करने के लिए उन्हें एक साथ विलय करने को क्यों कहूंगा: प्रशांत किशोर
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नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. दोनों ही एक-दूसरे पर लगातार निशाना साध रहे हैं. हाल ही में नीतीश ने पीके पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रशांत किशोर उनकी पार्टी (JDU) का विलय कांग्रेस में कराना चाहते थे. नीतीश के इस आरोप पर अब PK ने पलटवार किया है.
प्रशांत किशोर ने रविवार को कहा, 'नीतीशजी पर अब उम्र का असर दिखने लगा है. वो बोलना कुछ चाहते हैं, लेकिन उनके मुंह से निकल कुछ जाता है. अगर मैं बीजेपी के एजेंडे पर काम कर रहा होता तो मैं कांग्रेस को मजबूत करने की बात क्यों करता? वे (नीतीश) भ्रमित और राजनीतिक रूप से अलग-थलग होते जा रहे हैं. वह ऐसे लोगों से घिरे हुए हैं, जो भरोसेमंद नहीं हैं.'
दरअसल बीते 5 अक्टूबर को अपनी जनसुराज यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने दावा किया कि नीतीश कुमार ने उन्हें अपने घर बुलाया था. पीके ने कहा कि नीतीश कुमार ने मुझे घर बुलाया था. उन्होंने कहा था कि आप हमारे उत्तराधिकारी हैं, यह सब क्यों कर रहे हैं. आइए हमारे साथ, हमारे पार्टी के नेता बन जाइए. हमने उनकी बात सुनी. बहुत लोगों ने मुझे गालियां दीं, कि मैं उनसे मिलने क्यों गया? प्रशांत किशोर ने दावा किया, मैं नीतीश कुमार से मिलने इसलिए गया था, ताकि उन्हें ये बता सकूं कि कितना भी बड़ा प्रलोभन देंगे, लेकिन मैंने जनता से एक बार जो वादा कर दिया, उससे पीछे नहीं हटूंगा. उत्तराधिकारी बनाएं या कुर्सी खाली करें, उससे कोई मतलब नहीं है.
प्रशांत किशोर के आरोप का जवाब देते हुए नीतीश ने कहा था, 'मैंने कोई ऑफर नहीं दिया. वो ऐसे ही बोलते रहते हैं. कुछ नहीं है. उनकी जो मर्जी बोलते रहें. अब उनपर रोजाना क्या बोलते रहें. उनका (पीके)कोई ठिकाना नहीं है. आजकल जहां गए हैं, बीजेपी में तो उनके हिसाब से कर रहे हैं. इसके साथ ही नीतीश ने कहा था कि हम उनको नहीं बुलाए थे, वो खुद ही हमसे मिलने आए थे और क्या-क्या बात हुई थी हमारे बीच, इस पर हम कुछ नहीं बोलेंगे. उनको बोलने दीजिए जो कुछ बोलना है. उनको राजनीति से क्या मतलब है, इसलिए उनको बोलने दीजिए.' इस दौरान नीतीश ने दावा किया प्रशांत किशोर बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं. नीतीश ने कहा कि जब वो आरजेडी और जेडीयू का विरोध कर रहे हैं तो इसका मतलब तो यही हुआ कि वो बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं.