IAS यशिनी के सफलता की कहानी, असफल होने के बावजूद नहीं बदला इरादा, नौकरी के साथ की पढ़ाई, ऐसे क्लियर किया यूपीएससी, वीडियो

Update: 2021-02-13 11:42 GMT

यूपीएससी सीएसई एक ऐसा एग्जाम है जिसमें कैंडिडेट्स दिन-रात की मेहनत के बाद भी कई बार सेलेक्ट नहीं होते. ऐसे में अधिकतर कैंडिडेट्स का यह भी मानना होता है कि परीक्षा की तैयारी के साथ कोई दूसरा काम करना ठीक नहीं, क्योंकि यह एग्जाम फुल टाइम प्रिपरेशन मांगता है. लेकिन सभी कैंडिडेट्स के साथ ऐसा नहीं होता है. कुछ कैंडिडेट्स यशिनी नागराजन जैसे भी होते हैं जो किसी भी हाल में नौकरी छोड़कर तैयारी नहीं करना चाहते. बार-बार असफल होने के बावजूद वे इरादा नहीं बदलते. यशिनी ने अपनी पुरानी गलतियों से सीख ली, लेकिन नौकरी छोड़ने का ख्याल कभी उनके मन में नहीं आया. अंततः यशिनी का संकल्प सच साबित हुआ. साल 2019 में अपने चौथे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी सीएसई परीक्षा न केवल पास की बल्कि 57वीं रैंक के साथ टॉप भी किया.

यशिनी इस बारे में बात करते हुए कहती हैं कि नौकरी वालों की पहली जरूरत होती है समय का प्रबंधन, जिनके लिए उन्हें आम कैंडिडेट्स की तुलना में अतिरिक्त प्रयास करना पड़ता है. चूंकि उन्हें नौकरी के साथ पढ़ाई करनी होती है इसलिए समय का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. अगर यशिनी का उदाहरण लें तो वह नौकरी के साथ ही दिन के चार से पांच घंटे तो पढ़ाई के लिए निकालती ही थीं, साथ ही हर वीकेंड पर पूरे-पूरे दिन पढ़ाई करती थी. जैसे आम कैंडिडेट के लिए छुट्टी का दिन रिलैक्स करने का होता है लेकिन यशिनी जैसे कैंडिडेट्स के लिए हफ्ते के ये दिन और ज्यादा मेहनत करने वाले होते हैं.
यशिनी कहती हैं उनके पिछले प्रयास की गलतियों में से मुख्य है गलत ऑप्शनल का चुनाव. वे कहती हैं उन्हें इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, दूसरों की देखा-देखी उन्होंने भी ज्योग्राफी चुन लिया था. थोड़े ही दिनों में उन्हें अहसास हो गया था कि गलत सेलेक्शन हो गया है लेकिन इसे बदलने का साहस वे डेवलेप नहीं कर पायीं.

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यशिनी अपनी दूसरी बड़ी गलती मानती हैं कि ऐस्से और एथिक्स के पेपर में ठीक से परफॉर्म न कर पाना. उनके इन दोनों पेपरों में अच्छे अंक नहीं आ रहे थे. अपने चौथे प्रयास में यशिनी ने न केवल ऑप्शनल बदला बल्कि निबंध और एथिक्स के पेपर पर भी खूब ध्यान दिया. दोनों की अच्छे से राइटिंग प्रैक्टिस की.
यशिनी दूसरे कैंडिडेट्स को यही सलाह देती हैं कि ऐस्से और एथिक्स के पेपर को लाइटली न लें. शुरू से अंत तक स्ट्रेटजी और टाइमटेबल बनाकर तैयारी करें, ताकि कोई भी हिस्सा न छूटे और न ही अंत में समय की कमी का सामना करना पड़े. मॉडल टेस्ट पेपर्स और पिछले सालों के पेपर्स जरूर सॉल्व करें. इनसे बहुत मदद मिलती है. परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी एक साथ करें और किसी भी विषय को तीनों के लिहाज से ही तैयार करें.
अगर आप वर्किंग हैं तो आपके लिए यह सफर थोड़ा और कठिन हो जाता है, लेकिन नामुमकिन नहीं. आपको दूसरे कैंडिडेट्स से थोड़े ज्यादा प्रयास करने पड़ते हैं लेकिन जॉब सिक्योरिटी से मिलने वाला पीस भी आप ही के हक में आता है. इस प्रकार जॉब के फायदे भी हैं. बस थोड़े से टाइम मैनेजमेंट से आप नौकरी के साथ भी इस परीक्षा को पास कर सकते हैं.

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