IAS अफसर की निलंबन अवधि फिर बढ़ी, भ्रष्टाचार मामले में है आरोपी

बड़ा झटका

Update: 2021-06-17 12:18 GMT

जयपुर। बारां के कलेक्टर रहते हुए घूसखोरी के मामले में पकड़े गये और वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे IAS इंद्रसिंह राव की निलंबन अवधि 16 जून से आगामी 180 दिन के लिये और बढ़ा दी गई है. मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में गठित रिव्यू कमेटी की बैठक में इसका निर्णय लिया गया है. रिव्यू कमेटी ने इंद्र सिंह राव के न्यायिक अभिरक्षा में रहने के कारण निलंबन की अवधि बढ़ाने की अभिशंसा की है. निलबंन वाली फाइल जल्द ही मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाएगी.

रिश्वत के आरोप में गत वर्ष 23 दिसंबर को गिरफ्तार हुए आईएएस इंद्रसिंह राव की मुश्किलें कम नहीं हो रही है. करीब 4 महीने पहले 5 फरवरी को राज्य सरकार ने आईएएस राव की निलंबन अवधि 120 दिन यानी 4 महीने और बढ़ा दी थी. निलंबन की यह अवधि अब समाप्त हो रही थी. राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने इंद्रसिंह राव की गिरफ्तारी के बाद 4 जनवरी को निलंबित करने के आदेश जारी किए थे. इसमें यह निलंबन 23 दिसंबर से होने का हवाला भी दिया गया था.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कोटा की टीम ने 9 दिसंबर को बारां में तत्कालीन जिला इंद्र सिंह राव के पीए महावीर प्रसाद नागर को 1.40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. इस मामले में एसीबी ने इंद्रसिंह राव के खिलाफ भी रिश्वत लेने का केस दर्ज किया था. 23 दिसंबर को इंद्रसिंह राव को भी जयपुर से गिरफ्तार कर लिया गया. तब से वे जेल में बंद हैं. इसके बाद राज्य सरकार ने इंद्रसिंह राव को एपीओ (पदस्थापन की प्रतीक्षा) कर दिया था.

अखिल भारतीय सेवा के नियमों के अनुसार राज्य सरकार मामले की गंभीरता को देखते हुए अपने स्व विवेक से अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की निलंबन की अवधि एक वर्ष तक बढ़ा सकती है. एक वर्ष से अधिक निलंबन की अवधि के लिए राज्य सरकार को केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से अनुमति लेनी होती है. राज्य में पूर्व में भी आईएएस नीरज के पवन और आईपीएस दिनेश एमएन की निलंबन की अवधि 1 वर्ष से ज्यादा रही है.

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