IAS अफसर ने शेयर की थी तस्वीर, सोशल मीडिया पर छिड़ गई बहस

Update: 2022-03-05 09:23 GMT

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर आईएएस अफसर (IAS Officer) द्वारा एक तस्वीर पोस्ट करने के बाद उसपर दो आईपीएस अधिकारियों (IPS Officer) ने रिएक्ट किया. तस्वीर में एक शख्स AK-47 राइफल लेकर किताब पढ़ता हुआ नजर आ रहा है. तीनों अधिकारियों ने अपने-अपने तरीके से इस तस्वीर की व्याख्या की. उनके ट्वीट पर यूजर्स ने रिएक्ट किया है.

दरअसल, राइफल के साथ किताब पकड़े शख्स की तस्वीर को सबसे पहले IAS अवनीश शरण (Awanish Sharan) ने ट्वीट की. उन्होंने इस तस्वीर को कैप्शन दिया- 'ऐसी पढ़ाई का क्या फायदा..?' इसके बाद IPS दीपांशु काबरा (Dipanshu Kabra) और IPS आरके विज (RK Vij) ने भी इसपर रिएक्ट किया.
ऐसी पढ़ाई का क्या फ़ायदा. pic.twitter.com/dAOzIWonbC


IPS दीपांशु काबरा ने लिखा- "किताब हाथ मे आते ही बंदूक छूट गई. ज्ञान से ही शांति, सभ्यता, प्रगति की राह मिलती है." वहीं IPS आरके विज लिखते हैं- "सोच रहा है, पढ़ लेते तो शायद बंदूक न उठानी पड़ती."
'किताब' हाथ मे आते ही 'बंदूक' छूट गयी!#ज्ञान से ही शांति, सभ्यता, प्रगति की राह मिलती है. https://t.co/M7a7LaDPt2


सोच रहा है, पढ़ लेते तो शायद बन्दूक न उठानी पड़ती। https://t.co/zsm5Xta2kF


यूजर्स ने किया रिएक्ट
इसपर एक यूजर (@sanjeevk_poddar) ने लिखा- 'छत्तीसगढ़ के 3 अफसर, एक तस्वीर को ट्वीट करते हैं और अलग अलग व्याख्या करते हैं. मतलब एक ही वस्तु, घटनाक्रम, परिस्थिति को देखने का नजरिया भिन्न हो सकता है और हर नजरिया सही हो सकता है.'
इसके जवाब में IPS दीपांशु काबरा लिखते हैं- "शब्द अलग, अलग विचार, एक ही है सबका सार. ज्ञान मिटाए, सारे अंधकार."
शब्द अलग, अलग विचार
एक ही है, सबका सार,
"ज्ञान मिटाये, सारे अंधकार"@ipsvijrk @AwanishSharan https://t.co/a8bCfgm37Y


वहीं, आईपीएस सूरज सिंह परिहार (Suraj Singh Parihar, IPS) ने भी इसपर रिएक्ट किया. उन्होंने लिखा- 'एतदद्वारा इसको पुलिस की पाठशाला में निःशुल्क सदस्यता दी जाती है सर.' कुल मिलाकर अधिकारियों की पोस्ट पर सैकड़ों यूजर्स ने रिएक्ट किया है.
एतदद्वारा इसको पुलिस की पाठशाला में निःशुल्क सदस्यता दी जाती है सर 😊#पुलिसकीपाठशाला #freebookbank #bookbank #PoliceKiPathshala
देखिए कुछ ट्वीट...
हो कहीं भी आग पर आग 🔥 जलनी चाहिए 😂😂 pic.twitter.com/b9StAChXo1
फ़ायदा है. हो सकता है यहीं से बदलाव हो जाए. बंदूक़ से ज़्यादा शक्ति है किताबों में.
फायदा हैं बस नजरिए की कमी है
A book in hand bring the GUN down.
फायदे का नहीं पता, पर इसका मतलब जरूर है कि जब किताब उठाते हैं तो हथियार छूट जाते हैं। pic.twitter.com/r68abBfn4D
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