आईएएस अफसर का इस्तीफा, राजनीति में होगी एंट्री! CM का पैर छूकर आए थे चर्चा में

Update: 2021-11-16 03:04 GMT

हैदराबाद. तेलंगाना (Telangana) स्थित सिद्दीपेट (Siddipet) के जिलाधिकारी रहे पी वेंकटरामी रेड्डी (P Venkatrami Reddy) ने इस्तीफा देने के बाद राजनीति में आने का मन बना लिया है. बता दें IAS रेड्डी का कार्यकाल अभी एक साल बाकी था. हालांकि उन्होंने सोमवार को इस्तीफा दे दिया. बीते दिनों वह राज्य के सीएम और तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता के. चंद्रशेखर राव (KCR) का पैर छूने के बाद विवादों में आ गए थे. अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए रेड्डी ने कहा- बतौर IAS मुख्यमंत्री से संपर्क में रहने के दौरान वह राज्य के लिए सीएम का विजन जान सके.'

माना जा रहा है कि रेड्डी टीआरएस पार्टी से राज्य में आगामी विधान परिषद चुनावों में हिस्सा ले सकते हैं. हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. रेड्डी ने साल 1996 में ग्रुप 1 अधिकारी के तौर पर डिप्टी कलेक्टर के पद पर काम करना शुरू किया. साल 2007 में उन्हें IAS में प्रमोट किया गया. बीते सालों में वह जॉइंट कलेक्टर और कलेक्टर के पदों पर काम किया. रेड्डी सिद्दीपेट, संगारेड्डी और रंजन्ना सिरसिल्ला जिलों के डीएम रह चुके हैं. उनका परिवार राज्य में रियल एस्टेट के कारोबार में भी शामिल है.
रेड्डी कैसे आए विवादों में?
गौरतलब है कि सिद्दीपेट जिला कलेक्ट्रेट के उद्घाटन के दौरान रेड्डी ने सीएम चंद्रशेखर राव के पांव छुए थे. इसके बाद ही वह सुर्खियों में आ गए. सीएम के करीबी माने जाने वाले रेड्डी कार्यालय के उद्घाटन के बाद जिलाधिकारी की कुर्सी से उठे और केसीआर के पैर छू लिए. इस दौरान सीएम कई अन्य नेताओं के साथ खड़े थे. इस पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया था. कांग्रेस के प्रवक्ता श्रवण दासोजू ने इस मामले पर कहा था कि सिद्दीपेट कलेक्टर का इस तरह सीएम का पैर छूना गलत है. उन्होंने सीएम पर भी जुबानी हमला किया था.
रेड्डी के जल्द ही TRS में शामिल होने की उम्मीद है. उन्हें एमएलसी के रूप में में भेजा विधान परिषद भेजा जा सकता है. छह एमएलसी सीटों के लिए 29 नवंबर को और एलएसी कोटे की 12 एमएलसी सीटों के लिए 10 दिसंबर को मतदान होना है.

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