झारखण्ड। रांची में सेना जमीन घोटाले समेत अन्य भूमि घोटाले की जांच कर रही ईडी ने आईएएस अधिकारी छवि रंजन को समन किया है। रांची के उपायुक्त रह चुके छवि रंजन को 21 अप्रैल को ईडी दफ्तर में हाजिर होने को कहा गया है। रांची में सेना जमीन घोटाले समेत अन्य भूमि घोटाले की जांच कर रही ईडी ने आईएएस अधिकारी छवि रंजन को समन किया है। रांची डीसी रह चुके छवि रंजन को 21 अप्रैल को सेना की जमीन व चेशायर होम रोड की जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री के मामले में पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर में बुलाया गया है। वहीं इसी मामले में कोलकाता के एडिशनल रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस त्रिदीप मिश्रा को भी ईडी ने तलब किया है। त्रिदीप को 2 मई को रांची दफ्तर में बुलाया गया है। सेना की ज़मीन समेत अन्य जमीन के घोटाले में ईडी ने बीते गुरुवार छवि रंजन, बड़गाई अंचल के सीओ मनोज कुमार, कर्मचारी भानु प्रताप समेत 18 लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के बाद ईडी ने सात लोगों को शुक्रवार को जेल भेज दिया था।
कई नए नामों का खुलासा रांची में जमीन के खेल में कई बड़े नाम ईडी के रडार पर आएंगे। ईडी ने जमीन के फर्जी कागजात बनाने वाले अफसर अली, गिरोह के मो सद्दाम, इम्तियाज, ताल्हा खान, बड़गाईं के सीआई भानु प्रताप प्रसाद समेत अन्य लोगो से रिमांड के दूसरे दिन पूछताछ की। अफसर अली ने इस मामले में कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मियों की भूमिका की जानकारी दी है।
रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मियों ने पैसे लेकर रांची की कई जमीनों की प्रकृति बदली। साथ ही पुराने डीड और रजिस्टर में बदलाव किया, जिससे फर्जी कागजात बनाकर रजिस्ट्री करायी गयी। यही वजह है कि ईडी ने रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस त्रिदीप मिश्रा को समन किया है। अफसर अली ने कबूला है कि सेना की 4.55 एकड़ जमीन के फर्जी कागजात बनाने में उसकी भूमिका रही। जिसके बाद प्रदीप बागची ने जमीन की रजिस्ट्री जगत बंधु टी इस्टेट के नाम पर कर दी थी। अफसर अली ने चेशायर होम रोड के एक एकड़ जमीन में भी फर्जी कागजात जगदीश राय के नाम बनाया, इसके बाद इस जमीन की बिक्री राजेश राय ने पुनीत अग्रवाल को की। बाद में इसे विष्णु अग्रवाल ने खरीदा। इन मामलों में ईडी जल्द रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मियों को समन करेगी।