IAS और IPS अफसर रात में पीते है शराब, पूर्व मुख्यमंत्री ने शराबबंदी को लेकर दिया बड़ा बयान

बड़ा दावा

Update: 2021-12-16 08:42 GMT

बिहार में शराबबंदी को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. इन सबके बीच पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान दिया है. मांझी ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी के दावे की पोल खोलते हुए कहा कि राज्य में धनवान और रसूख वाले लोग जैसे- आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर रात में शराब पीते हैं. मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा, 'ये ओपन सीक्रेट है, ये सत्य है कि जो बड़े लोग हैं, जो ठेकेदार हैं, धनवान हैं, इंजीनियर हैं, डॉक्टर हैं, आईएएस हैं, आईपीएस हैं, ये सभी रात में 10 बजे के बाद लिमिट में शराब पीते हैं, लेकिन दुनिया नहीं जानती है कि वो शराब पीते हैं.'

शराब पीने को लेकर गरीबों को सलाह देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा, 'क्यों पीकर इधर-उधर करते हो, लिमिट में पीयो जैसे बड़े लोग पीते हैं, पकड़ने की बात इसलिए आती है क्योंकि तुम पीकर चौराहे पर घूमने लगते हो, इसलिए बड़े लोगों से सीखो, रात में लेना है तो लेकर सो जाओ और सुबह उठकर काम करो.'

दरअसल, बिहार में शराबबंदी पर बड़ी बहस चल रही है. बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ किया था कि राज्य सरकार किसी भी हाल में शराबबंदी कानून वापस नहीं लेने वाली है, और इसके लिए और कठोर कदम उठाने की बात भी की थी. नीतीश कुमार के इस बयान के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का बयान सामने आया है. 

जीतनराम मांझी ही नहीं आंकड़े भी बिहार में शराबबंदी की हकीकत की पोल खोल रहे हैं. नवंबर महीने में अब तक प्रदेश में 3 लाख 25 हज़ार 878 लीटर शराब जब्त की जा चुकी है, जबकि 11 हजार से अधिक लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि शराबबंदी के बाद भी इतनी मात्रा में शराब कैसे बरामद हो रही है.

बिहार में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है लेकिन शायद ही ऐसा कोई दिन बीतता है जब कहीं पर शराब बरामद न होती हो. जाहिर है कि लोग चोरी-छिपे इसे पी रहे हैं और सबसे बड़ी बात नवंबर महीने में ही जहरीली शराब की चपेट में आने से गोपालगंज, पश्चिम चंपारण और बेतिया में कई लोगों की मौत भी हो गई थी.


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