'मेरा इस दुनिया से मन भर गया'...सुसाइड नोट लिखकर व्यापारी ने ट्रेन के आगे कूदकर दे दी अपनी जान
शव रेलवे ट्रैक पर पड़ा रहा और पुलिस व जीआरपी सीमा विवाद में उलझी रही।
अलीगढ़: मेरी मां मुझे प्यार नहीं करती, मेरी मौत की सूचना फोन नंबरों और फेसबुक पर पोस्ट कर देना...यह उस सुसाइड नोट की पंक्तियां हैं, जिससे सोमवार को अलीगढ़ के एक इलेक्ट्रोनिक व्यापारी ने लिख ट्रेन के नीचे आकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद संवेदनहीनता खाकी में दिखाई दी। शव दो घंटे तक रेलवे ट्रैक पर पड़ा रहा और पुलिस व जीआरपी सीमा विवाद में उलझी रही। जिसके बाद थाना बन्नादेवी पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
गांधीपार्क थाना क्षेत्र के मोहल्ला नगला मसानी निवासी बंटी कुमार (40) पुत्र रामकिशोर इलैक्ट्रीशियन था। परिवार में तीन बच्चे और पत्नी है। रविवार की रात वह खाना खाने के बाद घर से घूमने निकला था। इसके बाद घर वापस नहीं लौटा। सोमवार की सुबह जेल पुल के पास रेलवे ट्रैक पर शव पड़ा देख राहगीरों ने पुलिस को फोन कर दी। काफी देकर तक पुलिस के नहीं पहुंचने पर मानव उपकार संस्था के संस्थापक अध्यक्ष विष्णु कुमार बंटी ने जीआरपी को भी सूचना दी। जिसके बाद जीआरपी व सिविल लाइन पुलिस मौके पर पहुंच गई।
दोनों थानों की पुलिस दो घंटे तक सीमा विवाद में उलझी रही। इसके बाद में बन्नादेवी पुलिस मौके पर पहुंची,पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी पर भेज दिया। उधर खबर मिलते ही परिजन भी आ गए। परिजनों ने शव की शिनाख्त बंटी के रूप में कर ली। परिजनों ने आत्महत्या की बात पर चुप्पी साध ली,पुलिस पूरे मामले को आत्महत्या मान रही है। पुलिस ने सुसाइड नोट को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
सीओ द्वितीय, आरके सिसोदिया ने कहा कि युवक का शव रेलवे ट्रैक पर मिला था। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है। सुसाइड नोट भी मिला है। अभी पूरे मामले की जांच की जा रही है।
जीआरपी, जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि जेल पुल और अलीगढ़ जंक्शन के बीच का क्षेत्र जीआरपी अलीगढ़ के अंदर आता है। घटना पुल के उस पार की थी, जिसे लेकर सिविल लाइन पीसीआर को अवगत करा दिया गया था। विवाद जैसी कोई बात नहीं।
एक तरफ मृतक को ढूंढ़ते-ढूंढ़ते घऱ वाले लगभग 7.45 पर घटनास्थल पर पहुंच गए। शव ़को देखकर विलाप कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ जीआरपी कर्मी अपना क्षेत्र न होकर, सिविल लाइन का क्षेत्र बताकर वहां सें चले गए। आरपीएफ के दरोगा पवनवीर सिंह व दीवान आजाद कुमार ने पुलिस कन्ट्रोल रूम, थाना सिविल लाइन आदि को सूचना दी। इस पर सूचना के आधे घंटे बाद लगभग 830 बजे सिविल लाइन थाने के पुलिसकर्मियों नें आकर अपना क्षेत्र न होकर पलड़ा झाड़ कर बन्नादेवी क्षेत्र बता दिया। करीब दो घंटे तक रेलवे लाइन के सहारे पड़े होने की व पुलिस द्वारा शव को न हटाने की सूचना पाकर मानव उपकार संस्था के अध्यक्ष विष्णु कुमार बंटी ने खुद थाना बन्नादेवी प्रभारी पंकज मिश्रा को फोन कर सारी घटना सें अवगत कराया।
सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं बंटी कुमार पुत्र रामकिशन गोला निवासी नगला माली का रहनें वाला हूँ और पूरे होश-हवाश में लिख रहा हूं कि मैं आत्महत्या करने जा रहा हूँ। जिसका कारण मेरी माँ मुझको प्यार नही करती है। मेरे छोटे भाई ़को ज्यादा करती है। मुझे मेरे कुछ रिश्तेदार जो कि धोखा देते हैं। मैंने मकान बनाने के लिए सात लाख का कर्जा लिया था। उसे चुका दिया है। मुझ पर किसी का कोई पैसा नही है, मेरी मौत की सूचना पीछे लिखे फोन नंबरों पर और मेरी फेसबुक पर पोस्ट कर देना। ईश्वर मेरी आत्मा को शांति प्रदान करें।