दिल्ली। संसद की कार्यवाही शुरू हो गई है. कानून मंंत्री अर्जुन मेघवाल लोकसभा में महिला आरक्षण बिल के बारे में जानकारी दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ये संविधान संसोधन बिल है. सोनिया गांंधी ने लोकसभा में कहा कि कांग्रेस महिला आऱक्षण बिल का समर्थन करती है, मैं इस बिल के समर्थन में खड़ी हुई हूं. यह मेरी जिंदगी का मार्मिक समय है. पहली बार निकाय चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाला बिल मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी ही लाए थे. आज उसी का नतीजा है, कि देशभर के स्थानीय निकायों के जरिए हमारे पास 15 लाख चुनी हुईं महिला नेता हैं. राजीव गांधी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पास होने के साथ ही वह पूरा होगा. कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है. हमें इस बिल के पास होने की खुशी हैं, लेकिन एक चिंता भी है. मैं सवाल पूछना चाहती हूं कि पिछले 13 साल से महिलाएं राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं. अभी उनसे और इंतजार करने के लिए किया जा रहा है. 2 साल, 4 साल, 6 साल कितने साल का ये इंतजार हो. हमारी मांग है कि ये बिल तुरंत पास किया जाए. लेकिन जातिगत जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था की जाए. सरकार को इसे पूरा करने के लिए जो कदम उठाने की जरूरत है, उसे उठाने चाहिए. इस बिल में देरी नहीं करना महिलाओं के लिए अन्याय होगा.
सोनिया गांधी के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी बात रखी. हालांकि, उनके खड़े होने पर कांग्रेस सांसदों ने हंगामा किया और महिला सांसद से चर्चा का जवाब देने की मांग की. इस पर अमित शाह ने कहा कि क्या पुरुष महिलाओं की चिंता नहीं कर सकते. इसके बाद निशिकांत दुबे ने अपनी बात रखी. निशिकांत दुबे ने कहा कि उनकी मांग देवघर एम्स में भर्ती हैं, और उन्होंने फोन करके उनसे कहा है कि अगर सरकार उन्हें इस बिल पर चर्चा का मौका दे, तो वे जरूर अपनी बात रखें. निशिकांत दुबे ने कहा, हम बिल लाए तो कांग्रेस को दिक्कत है. कांग्रेस ने इस आरक्षण बिल का लालीपॉप बनाए रखा. महिलाओं को अधिकार मिलकर रहेगा. कांग्रेस ने अपने सरकार में आरक्षण क्यों नही दिया? मुझे लग रहा था कि सोनिया गांधी बोल रही थीं तो वे राजनीति से ऊपर उठकर बोलेंगी. मैं उनका सम्मान करता हूं. इस बिल को लेकर सबसे ज्यादा आवाज उठाई तो वो हैं पश्चिम बंगाल की गीता मुखर्जी और सुषमा स्वराज ने. लेकिन आपने उनका एक बार भी जिक्र नहीं किया. निशिकांत दुबे ने कहा, जो गोल मारता है, वो उसी के नाम से जाना जाता है. ये बिल पीएम मोदी लेकर आए हैं, इसलिए उन्हीं का गोल माना जाएगा. इसमें क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं.