पति की मौत, मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए 11 साल से दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हुई पत्नी, सामने आई ये समस्या
पीड़ित महिला सांसद से लेकर अधिकारी, मंत्री, विधायक, चपरासी सभी से मदद मांग चुकी है.
दौसा: राजस्थान के दौसा में एक महिला अपने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पिछले 11 साल से दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. पीड़ित महिला सांसद से लेकर अधिकारी, मंत्री, विधायक, चपरासी सभी से मदद मांग चुकी है, लेकिन इस महिला को अपने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिला है.
पीड़िता गुलाब देवी दौसा जिले के भांवता गांव की रहने वाली है. यहां गुलाब देवी मीना अपने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र पाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है. अब थक हार कर पीड़िता जिला मुख्यालय पर पहुंची है, जहां वह जिला कलेक्टर ऑफिस के मेन गेट के बाहर धरने पर बैठ गई है. पीड़िता के साथ कुछ अन्य लोग भी धरना दे रहे हैं.
पीड़िता गुलाब देवी के अनुसार उसका पति जयराम मीणा साल 2010 में आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम की एक कंपनी में काम करने के लिए गया था. 20 सितंबर 2010 को उसकी मृत्यु हो गई थी. 21 सितंबर को जयराम के शव का पोस्टमॉर्टम किया गया, लेकिन एम्बलेमिंग सर्टिफिकेट में उसके पिता का नाम तेजाराम की जगह बलराम दर्ज कर दिया गया.
पीड़िता के अनुसार नाम की गड़बड़ी की वजह से इस प्रमाण पत्र का कोई मतलब नहीं रह गया है. पीड़िता अब विशाखापट्टनम के अस्पताल से सही मृत्यु प्रमाण पत्र लेने और गलती मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है. इसके लिए उसे काफी परेशानी झेलनी पड़ी.
पीड़िता और पीड़िता का भाई अपनी समस्या को लेकर सांसद, मंत्री, अधिकारी से लेकर चपरासी तक सबसे विनती कर चुके हैं, लेकिन पीड़िता की आज तक किसी ने नहीं सुनी है.
अब इस बार फिर पीड़िता दौसा जिला कलेक्टर ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गई है. पीड़िता का कहना है कि अब वह धरने से तब तक नहीं उठेगी जब तक कि उसकी समस्या का समाधान नहीं हो जाता है.