पति तो परमेश्वर होता है, जिंदगी बचाने के लिए पत्‍नी ने दी अपनी किडनी

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Update: 2021-09-22 14:13 GMT

रतलाम। ग्राम सिमलावदा की रहने वाली 35 वर्षीय चंद्रकला पाटीदार ने अपने पति की सलामती के लिए अपनी एक किडनी उन्हें देकर न केवल साहसिक कदम उठाया, बल्कि समाज में एक मिसाल भी कायम की है। किसान 38 वर्षीय लक्ष्मण पाटीदार पिछले करीब आठ माह से बीमार चल रह थे, उनकी दोनों किडनी खराब हो गई थी। डाक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट का अंतिम विकल्प बताया। यह सुनकर परिवार सकते में आ गया, लेकिन उनकी पत्नी चंद्रकला नहीं घबराई । उन्‍होंने पति की जान बचाने के लिए अपनी एक किडनी देने का निर्णय लिया। बुधवार को गुजरात के नडियाड स्थित एक अस्पताल में करीब चार घंटे चले आपरेशन के दौरान किडनी ट्रांसप्लांट की गई।

जानकारी के अनुसार जनवरी 2021 में लक्ष्मण पाटीदार एक दिन खेत से घर लौटे तो उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। परीक्षण के दौरान उनकी किडनी में समस्या होने की बात कहकर इंदौर ले जाने के लिए कहा गया। इंदौर में कई प्रकार की जांच करने के बाद पता चला कि उनकी दोनों किडनी खराब हो गई है। इसके बाद उनका डायलिसिस किया जाता रहा। अनेक अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद उन्हें डाक्टरों ने बताया कि लक्ष्मण की जान केवल किडनी ट्रांसप्लांट करके ही बचाई जा सकती है।

पत्नी चंद्रकला को जब यह पता चला तो उन्होंने बगैर देर किए अपनी एक किडनी देने का निर्णय लिया। इसके बाद स्वजन व पत्नी लक्ष्मण को लेकर नडियाड पहुंचे। जांच में दोनों की किडनी मैच हो गई। दो माह से दोनों को वहां भर्ती कर सर्जरी की तैयारी शुरू की गई व बुधवार को सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक आपरेशन कर किडनी ट्रांसप्लांट की गई।

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