गैंगरेप का बदला लेने के लिए पति ने रची साजिश, बाल-बाल बच गया पूर्व सरपंच, पूरी साजिश को जानेंगे तो रह जाएंगे दंग
पुलिस ने घटना का खुलासा किया है।
रतलाम: बदला लेने की तमाम कहानियां आपने देखी और सुनी होंगी। लेकिन मध्य प्रदेश में रतलाम जिला के रत्तागखेाड़ा गांव में एक शख्स से बदला लेने के लिए जो साजिश रची, उसके बारे में सुनकर आप दंग रह जाएंगे। पत्नी के संग हुए गैंगरेप का बदला लेने के लिए उसने आरोपियों को एक-एक कर डेटोनेटर से उड़ाने की योजना बनाई। एक आरोपी उसकी साजिश का शिकार भी हुआ, जबकि एक अन्य बाल-बाल बच गया। पुलिस ने घटना का खुलासा किया है।
गौरतलब है कि चार जनवरी को रत्तागढ़खेड़ा में ट्यूबवेल पर हुए धमाके में लालसिंह पिता नरसिंह कतीजा की मौत हो गई थी। मामले की छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि ऐसी ही घटना छह महीने पहले भी उसी गांव में हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि उस घटना में पूर्व सरपंच भंवरलाल बाल-बाल बच गया था। दोनों घटनाओं में समानता को देखते हुए एसपी रतलाम गौरव तिवारी ने जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया। साथ ही अज्ञात आरोपी की सूचना देने वाले पर 10 हजार रुपए इनाम की घोषणा भी की गई।
इसके बाद 16 सदस्यीय टीम ने गहराई के साथ मामले की छानबीन शुरू कर दी। पुलिस ने मुखबिरों से जानकारी जुटानी शुरू की। साथ ही साइबर टीम से भी मदद ली गई। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि जिस दिन से लालसिंह की मौत हुई है, उसी दिन से गांव में रहने वाला सुरेश लोढ़ा परिवार समेत गायब है। इसके बाद पुलिस ने सुरेश लोढ़ा की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी। तलाशी के दौरान सुरेश लोढ़ा को उसकी ससुराल से गिरफ्तार किया गया। पुलिस जब उससे पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। उसने बताया कि उसने टीवी में देखा था कि नक्सली डेटोनेटर और जिलेटिन की छड़ों से सेना के जवानों पर हमला करते हैं। इसके बाद ही उसे इस तरह से बदला लेने का आइडिया आया। इसके बाद उसने जिलेटिन व डेटोनेटर बद्री पिता रामेश्वर पाटीदार निवासी सिमलावदा से खरीदे और योजना को अमलीजामा पहुंचाने में जुट गया।
आरोपी सुरेश लोढ़ा से पूछताछ में बताया कि मृतक लालसिंह, भंवरलाल और दिनेश ने उसकी पत्नी के साथ गैंगरेप किया था। जब उसने इसका प्रतिरोध करना चाहा तो उसको जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस में शिकायत करने पर भी आरोपियों ने उसे जान की धमकी दी। इसके बाद से ही सुरेश बदले की आग में सुलग रहा था। पहले उसने भंवरलाल को डेटोनेटर लगाकर उड़ाना चाहा, लेकिन वह बच गया। इसके बाद उसने तीन जनवरी की रात लालसिंह के खेत पर लगे ट्युबवेल के स्टार्टर में बिजली के तार से कनेक्शन देकर जिलेटिन व डेटोनेटर लगाये थे। चार जनवरी की सुबह जब लालसिंह ने मोटर चालू करने के लिए स्टार्टर का बटन दबाया, ब्लास्ट में उसके चीथड़े उड़ गए। पुलिस ने सुरेश और उसकी पत्नी के बयान के आधार पर भंवरलाल और दिनेश को हिरासत में ले लिया।