धारा-144 के बाद भी उमड़ी सैकड़ों की भीड़, धक्का-मुक्की में गिरे यति नरसिंहानंद गिरी
बड़ी खबर
गाजियाबाद(आईएएनएस)। हिन्दू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी के समर्थन में मंगलवार को कलेक्ट्रेट पर सैंकड़ों लोग एकत्र हुए। यहां जमकर नारेबाजी हुई। पुलिस ने धारा 144 लागू होने की बात कहकर भीड़ नहीं जुटने देने का दावा किया था। पिंकी चौधरी के समर्थन में भीड़ भी जुटी और उन्होनें अपनी बात भी कही। उसके बाद प्रशासन को ज्ञापन भी दिया। साथ ही चेताया भी कि अगर गुंडा एक्ट की कार्रवाई वापस नहीं हुई तो आत्मदाह कर लेंगे। स्थानीय अभिसूचना इकाई की मानें तो भीड़ का आंकडा आठ सौ के आसपास का था। जिसमें आस पास के कई शहरों के लोग शामिल हुए थे।
हिन्दू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपने परिवार के साथ इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। पिंकी चौधरी ने लिखा है कि वह पिछले 25 साल से हिन्दुत्व के लिए लड़ रहे हैं। इस दौरान सपा-बसपा की सरकार रही। मगर, उन्होंने कभी हिन्दुत्व की राह नहीं छोड़ी। लव जिहाद में फंसी हर बहन-बेटी की सहायता की। दिल्ली-एनसीआर में हो रही गोकशी की घटनाओं पर अंकुश लगाने का काम किया। इन सब कार्यों के चलते केस लगा दिए गए। हाल ही में गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस ने गुंडा एक्ट की कार्रवाई की। गाजियाबाद कश्निरेट पुलिस ने दावा किया था कि जिले में धारा-144 लागू है। ऐसे में किसी को भीड़ एकत्र नहीं करने दी जाएगी।
डीसीपी निपुण अग्रवाल ने वीडियो संदेश जारी करके यही बात कही थी। लेकिन, मंगलवार की सुबह से ही कलेक्ट्रेट पर भीड़ जुटने लगी थी। पुलिस के तैनात होने से पहले ही लोग आ चुके थे। 11 बजे तक सैंकड़ों की तादाद में लोग एकत्र हो चुके थे। उसके बाद पुलिस भी अलर्ट हो गई। कलेक्ट्रेट पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। वाटर कैनन और आंसू गैस का भी प्रबंध कर लिया गया। हिन्दूवादी नेता पिंकी चौधरी के समर्थन में कलेक्ट्रेट जाने के लिए निकले डासना मंदिर के महंत महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी को पुलिस ने रोक लिया। महंत यति नरसिंहानंद कलेक्ट्रेट जाने पर अड़ गए। इस बीच पुलिस और यति के समर्थकों में धक्का-मुक्की हो गई। इसमें यति नरसिंहानंद गिरकर अचेत हो गए। बाद में उन्होंने कहा कि पुलिस टकराव चाहती थी। मगर, हमने शांति का मार्ग चुना। पुलिस 25 मीटर तक धक्का-मुक्की करती रही। यति ने आरोप लगाया कि योगी सरकार उन्हें मारने पर आमादा है। लेकिन, वह सत्ता के लोभी नहीं हैं। अगर मरना भी पड़ा तो शान से मरेंगे।