भारत में कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट में भारी उछाल

Agriculture Export: पूरी दुनिया में भारतीय कृषि उत्पादों की मांग में वृद्धि हो रही है. जानिए, भारत से कितने करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का एक्सपोर्ट किया गया.

Update: 2021-12-15 07:00 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय कृषि उत्पादों का न सिर्फ खूब प्रोडक्शन बढ़ रहा है बल्कि एक्सपोर्ट में भी काफी उछाल आया है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में कृषि उत्पादों (Agriculture Products) के एक्सपोर्ट में रिकॉर्ड 34.86 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. साल 2020-21 में 210093 करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का एक्सपोर्ट किया गया. जबकि यह 2019-20 में सिर्फ 155781.72 करोड़ रुपए ही था. एक्सपोर्ट के इस उछाल से खासतौर पर प्रगतिशील किसान और एग्री बिजनेस (Agri Business) में हाथ आजमाने वाले लोग उत्साहित हैं.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का कहना है कि कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन की वजह से सील कर दिए गए विश्व भर के सीमा पार आवागमन के बावजूद कृषि जिंसों के निर्यात में उछाल गया है. कोविड-19 महामारी की वजह से एक्सपोर्ट में कई चुनौतियां खड़ी हुईं. जैसे कि कंटेनरों की अनुपलब्धता, ज्यादा माल ढुलाई एवं सप्लाई में बाधा. हालांकि, अच्छी बात ये है कि पूरी दुनिया में भारतीय कृषि उत्पादों की मांग में वृद्धि हो रही है. साल 2018-19 में भारत से 172484.38 करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का एक्सपोर्ट किया गया था.
आय बढ़ाने का एक कदम है एक्सपोर्ट
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का कहना है कि किसानों की आय बढ़ाने के सरकार ने कई कदम उठाए हैं. जिनमें कृषि निर्यात में वृद्धि करना भी एक है. कृषि निर्यात (Agri Export) किसानों को व्यापक अंतरराष्ट्रीय मंडी का लाभ उठाने में सहायता करता है. जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है. सरकार ने कई विकासात्मक कार्यक्रमों, योजनाओं, सुधारों और नीतियों को अपनाया है जो किसानों के लिए उच्च आय पर केंद्रित हैं. भारत विश्व में कृषि उत्पादों का नौवां सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है.
किसानों के प्रोत्साहन के लिए योजनाएं
किसानों को मदद देने के लिए केंद्र सरकार ने माइक्रो इरीगेशन फंड, एग्रीकल्चर मार्केटिंग फंड जैसी कार्पस फंड बनाए हैं. 10,000 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) का अभियान शुरू किया है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन शहद मिशन, किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan credit card), ब्याज छूट योजना, इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि मंडी (ई-नाम) आदि के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि की कोशिश जारी है. एक लाख करोड़ रुपये का एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड भी बनाया गया है.
आर्गेनिक उत्पादों का बाजार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को प्राकृतिक खेती के प्रमोशन को लेकर गुजरात में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में शिरकत करने वाले हैं. ताकि ऑर्गेनिक और नेचुरल फार्मिंग की ओर लोग ध्यान दें. ऐसे उत्पादों के डोमेस्टिक खपत और एक्सपोर्ट दोनों की काफी संभावना है. दुनियाभर में इसकी मांग बढ़ रही है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक घरेलू बाजार में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स (Organic Products) की मांग में तेजी दिख रही है. घरेलू बाजार 17 फीसदी के रेट से बढ़ रहा है.
साल 2016 में आर्गेनिक प्रोडक्ट्स का बाजार 53.3 करोड़ रुपये का था. जिसे 2021 के अंत तक 87.1 करोड़ रुपये को पार करने का अनुमान है. एपिडा के अनुसार 2020-21 के दौरान 7079 करोड़ रुपये के आर्गेनिक प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट किया गया.


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