नई दिल्ली: कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर पेट्रोल डीजल के दामों के बढ़ने का सिलसिला शुरू हो चुका है. लेकिन अप्रैल महीने से आपके लिए रसोई में खाना पकाना से लेकर बिजली और ट्रांसपोर्ट पर होने वाले खर्च बढ़ने वाला है. दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्राकृतिक गैस के दामों में भारी बढ़ोतरी के चलते गैस की कीमतों में भारी उछाल आने की संभावना है. एक अनुमान के मुताबिक गैस के दामों में दोगुनी बढ़ोतरी तक हो सकती है.
दरअसल कोविड महामारी के बाद गैस की मांग बढ़ी है लेकिन उस अनुपात में उत्पादन नहीं बढ़ा है जिसके चलते गैस के दाम बढ़े हैं. घरेलू इंडस्ट्री इंम्पोर्टेड एलएनजी के लिए वैसे ही ज्यादा कीमत अदा कर रही है जिसकी कीमत क्रूड ऑयल से जुड़ा है. महंगे एलएनजी ने रिफाइनरी और पावर कंपनियों को परेशान कर रखा है.
अप्रैल महीने में केंद्र सरकार प्राकृतिक गैस के दामों की समीक्षा करने वाली है. हर छह महीने पर अप्रैल और अक्टूबर महीने में गैस के दामों की समीक्षा की जाती है. जानकार मानते हैं प्राकृतिक गैस कीमतें 2.9 डॉलर प्रति यूनिट से बढ़कर 6 से 7 डॉलर प्रति यूनिट तक जा सकती है. जनवरी से दिसंबर 2021 के बीच इंटरनेशनल गैस प्राइस के आधार पर सरकार अप्रैल में गैस के दाम तय करेगी.
आपको बता दें अगर प्राकृतिक गैस के दाम एक डॉलर बढ़ता है तो सीएनजी के दाम 4.5 रुपये प्रति किलो तक बढ़ जाते हैं. इस प्रकार सीएनजी के दामों में 15 रुपये प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हो सकती है. तो बिजली से लेकर घरों में सप्लाई की जाने वाली पीएनजी के दाम भी बढ़ जायेंगे. सरकार पर फर्टिलाइजर सब्सिडी बिल के खर्च का बोझ भी बढ़ जाएगा.