बिना सूचना दंपती को कैसे ले गई यूपी पुलिस हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से किया सवाल
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस को सूचित किए बगैर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा नव दंपती को हिरासत में लेने के मामले को दिल्ली हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। अदालत ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी कि किस तरह से पूरे आपरेशन को अंजाम दिया गया। आरोप है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिल्ली पुलिस को सूचित किए बगैर दंपती को दिल्ली पुलिस को सूचित किए बगैर दंपती को हिरासत में लेकर गाजियाबाद चली गई थी। न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता दंपती के आवास और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज एकत्र करें जिससे यह पता लगाया जा सके कि घटना की रात घर में किसने प्रवेश किया और कौन बाहर निकला।
रिपोर्ट के साथ उक्त फुटेज को रिकार्ड पर पेश किया जाए। साथ ही अदालत ने आनंद पर्वत थाना पुलिस एसएचओ को दंपती की सुरक्षा सुनिश्चित करने व संबंधित बीट सिपाही का फोन नंबर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 23 फरवरी तक के लिए स्थगित करते हुए दंपती को जांच अधिकारी के साथ अदालत में मौजूद रहने का निर्देश दिया। अदालत अब दिल्ली में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा किए गए आपरेशन के पहलू पर सुनवाई करेगी। अदालत ने उक्त टिप्पणी व आदेश दंपती की तरफ से दायर याचिका पर की। महिला के स्वजन ने उसकी जान का खतरा बताया था।