महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में सिसवा विधानसभा सीट सबसे हॉट हो गई है. यहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विरोधियों से ज्यादा अपने बागी उम्मीदवारों से परेशान है. नतीजा यह है कि अपने बागी के धुंआधार वर्चुअल प्रचार प्रसार से पार्टी के होश उड़ गए हैं और अपनी जीती हुई सीट बचाने में भाजपा असहज दिख रही है.
बागी उम्मीदवारों में यहां समाजवादी पार्टी से भाजपा में घर वापसी किए पूर्व मंत्री शिवेंद्र सिंह हैं, जो डेढ़ दशक से राजनीति में सक्रिय हैं. इसके अलावा सिसवा विधानसभा में मजबूत पकड़ रखने वाले युवा नेता अजय श्रीवास्तव टिकट नहीं मिलने पर निर्दल ताल ठोक दिए हैं. दोनों ही बागी उम्मीदवार अपने आपको भाजपा का सिपाही बता रहे हैं.
बागी उम्मीदवार भी पार्टी की नीति, योजनाएं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रचार प्रसार कर रहे हैं, लेकिन भाजपा द्वारा घोषित प्रत्याशी का खुलकर विरोध कर रहे हैं. यहां कार्यकर्ताओं के वर्गीकरण को रोकने के लिए और बागी उम्मीदवारों को मनाने के लिए केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने कमान खुद संभाल लिया है.
बागी नहीं वो मेरे कार्यकर्ता हैं- केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी
जिले में पांच विधानसभा सीटें हैं और सभी की जिम्मेदारी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के हाथों में है. वह एक-एक कार्यकर्ता को साधने में लगे हैं. बागी को मनाने की हर वो कोशिश कर रहे हैं. पंकज चौधरी का कहना है कि बागी नहीं हैं वो हमारे कार्यकर्ता हैं, घरेलू समस्या है, जल्द ही उसको निपटा लिया जाएगा.
बागी अजय श्रीवास्तव के आवास पर खुद पहुंचे बीजेपी उम्मीदवार
भाजपा के बागी उम्मीदवार और डेढ़ दशक से राजनीति में सक्रिय सिसवा विधानसभा में मजबूत पकड़ रखने वाले बागी उम्मीदवार अजय श्रीवास्तव के आवास पर भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान विधायक प्रेमसागर पटेल खुद पहुंचे थे, लेकिन बात बनी नहीं. हालांकि अजय के आवास पर प्रेमसागर के जाने को सियासी जानकार पंकज चौधरी के कूटनीति का हिस्सा मान रहे हैं.
कार्यकर्ताओं का अनदेखी करना भाजपा विधायक को पड़ा भारी
भाजपा विधायक प्रेम सागर पटेल को अपने पांच साल के कार्यकाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की अनदेखी करना अब चुनाव के वक्त भारी पड़ रहा है. प्रेमसागर पटेल को अब जब भाजपा ने दोबारा अपना प्रत्याशी बनाया है, तब पार्टी के ही दो बागी नेताओं के चुनाव लड़ने से कार्यकर्ताओं का वर्गीकरण हो गया है.
विपक्ष की बजाए सिसवा विधानसभा में भाजपा अंतर कलह से परेशान है. शीर्ष नेतृत्व अपने बागी उम्मीदवारों को मनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. महराजगंज से सांसद और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी खुद जिले में डेरा डाले हुए हैं. सवाल साख की है. कहा जाता है कि विधानसभा चुनाव से ही लोकसभा का भविष्य तय होता है.