टीकाकरण मामले पर बेघर और भिखारियों के SC में हुई सुनवाई, कोर्ट ने दिया यह बयान

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने फुटपाथ पर रहने वाले लोगों और भिखारियों को वैक्सीन लगाए जाने के मामले पर आज सुनवाई की है.

Update: 2021-07-27 09:10 GMT

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने फुटपाथ पर रहने वाले लोगों और भिखारियों को वैक्सीन लगाए जाने के मामले पर आज सुनवाई की है. SC ने उनकी कोरोना से बचाने के लिए मदद और वैक्सीनेशन की मांग पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि सड़क और लाल बत्तियों से भिखारियों को हटाने का आदेश नहीं दिया जा सकता है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एम आर शाह की बेंच ने कहा कि गरीबी नहीं होती तो कोई भीख नहीं मांगना चाहेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भीख मांगने की वजह गरीबी है. हमें इस पर मानवीय रवैया अपनाने की ज़रूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा भिखारियों को सार्वजनिक स्थानों और ट्रैफिक पोस्ट से दूर नहीं जाना चाहिए. जब गरीबी भीख मांगने के लिए मजबूर करती है तो कोर्ट इस तरह का सख्त रवैया नहीं अपना सकता हैं.
'एक सामाजिक आर्थिक समस्या है'
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यह एक सामाजिक आर्थिक समस्या है और राष्ट्रीय राजधानी में सड़क पर रहने वालों और भिखारियों के टीकाकरण के सम्बंध में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को तत्काल ध्यान देना चहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सहयोग करने का आग्रह किया. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते के बाद होगी.
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में बताया था कि गृहनगर जोधपुर में अब भिखारियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सीन लगाने की तैयारी चल रही है. नगर निगम के माध्यम से इनकी संख्या का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा ओल्ड एज होम व विशेष योग्यजन के भी वैक्सीन लगाने की योजना बनाई जा रही है.जानकारी के मुताबिक, जोधपुर में भिखारी की बड़ी संख्या है. ये विभिन्न क्षेत्रों में फुटपाथ पर ही रहते हैं. इनके पास किसी प्रकार के डॉक्यूमेंट्स भी नहीं है. साथ ही इन्हें चिह्नित करना भी बड़ी चुनौती है.
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