नई दिल्ली: संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session 2022) का आज दूसरा दिन था. महंगाई और GST के विरोध में विपक्ष ने आज संसद में जमकर हंगामा किया. लोकसभा में प्रश्नकाल केवल 10 मिनट तक ही चल पाया. हालांकि, मंत्रियों ने सासंदों के सवालों के लिखित उत्तर दिए.
क्या धार्मिक कट्टरता फैलाने के लिए संगठित प्रयास किए जा रहे हैं?
लोकसभा में माला राज्य लक्ष्मी शाह और कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने गृह मंत्रालय से सवाल किया कि क्या देश में धार्मिक कट्टरता फैलाने के लिए संगठित प्रयास किए जा रहे हैं? अगर ऐसा है, तो सरकार इस संबंध में क्या कदम उठा रही है?
धार्मिक कट्टरता के मामले पर गृह मंत्रालय ने लिखित जानकारी देते हुए कहा कि ISIS और अल-कायदा जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठन पूरी दुनिया के लिए चुनौती बने हुए हैं. भारतीय संदर्भ में, भारत विरोधी कुछ विदेशी एजेंसियां और वैश्विक आतंकी संगठन, लोगों को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, सरकार के प्रयासों की वजह से, देश की आबादी की तुलना में कट्टरपंथी विचारधाराओं के प्रति लोगों का झुकाव बहुत कम है.
सरकार धार्मिक कट्टरता को लेकर कई प्रयास कर रही है
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का कहना है कि सरकार धार्मिक कट्टरता को लेकर कई प्रयास कर रही है. जैसे-
- सरकार बिना किसी भेदभाव के विभिन्न सरकारी कल्याण योजनाएं दे रही है.
- वंचित समुदायों और इलाकों के लिए सरकार विशेष योजनाएं चला रही है.
- विभिन्न समुदायों के बीच मिश्रित संस्कृति और सह-अस्तित्व को बढ़ावा दिया जा रहा है.
- अल्पसंख्यकों के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपाय प्रदान किए जा रहे हैं.
- जीवन के सभी क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों और अन्य कम प्रतिनिधित्व वाले समुदायों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए संस्थागत प्रयास किए जा रहे हैं.
- अल्पसंख्यक समुदायों के लिए अलग से एक विशेष मंत्रालय, यानी अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय काम कर रहा है. जिसमें अलपसंख्यकों के विकास की समग्र नीति, समन्वय, मूल्यांकन और समीक्षा की जाती है.
- इसके अलावा, सरकार ने विभिन्न सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद और समन्वय के लिए, MHA में आतंकवाद विरोधी और कट्टरवाद विरोधी विभाग बनाया है.
- भारत सरकार ने यूएपीए (UAPA)1967 के तहत, कई संगठनों को आतंकवादी संगठनों को गैरकानूनी भी करार दिया है.
जम्मू कश्मीर में 2021 में आतंकी घटनाओं में आई कमी
इसके अलावा, लोकसभा में जानकारी देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 2021 में, आतंकी घटनाओं में कमी आई है. गृह मंत्रालय ने लोकसभा में इसे लेकर जवाब दिया है. गृह मंत्रालय के मुताबिक, 2020 में 244 आतंकी घटनाएं हुई थीं. वहीं, 2021 में ऐसी 229 घटनाएं हुई हैं. इसके अलावा 2020 में 62 जवान शहीद हुए थे. जबकि 2021 में 42 जवानों ने शहादत दी है. वहीं, 2020 में 37 आम नागरिकों की मौत हुई थी. 2021 में 41 आम नागरिक मारे गए.