बाबा महाकाल के आंगन में मनाई गई होली

Update: 2022-03-18 02:19 GMT

यूपी। देशभर में होली के त्यौहार की धूम है. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में संध्या आरती से ही होली की शुरूआत हो गई. भक्त और भगवान के बीच जमकर गुलाल उड़ा. देश भर से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर में होली खेलने पहुंचे हैं. देशभर में होलिका दहन के बाद होली की शुरुआत हो जाती है. सबसे पहले उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के आंगन में होली मनाई गई. परंपरा के मुताबिक संध्या आरती में भक्तों ने बाबा को अबीर और गुलाल लगाया. आरती के बाद महाकाल मंदिर परिसर में मंत्रोचार के साथ होलिका दहन किया गया. मंदिर के पंडितों और पुजारियों ने रंगों के साथ फूलों की भी होली खेली. बाबा के दरबार में पहुंचे भक्तों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी. पूरे देश में रंगों के त्योहार की शुरुआत हो गई है. होली से पहले होलिका दहन की शाम सबसे पहले महाकाल को फूलों के रस से स्नान कराया जाता है, फिर परंपरा के मुताबिक भगवान शिव का श्रृंगार होता है और इसके बाद राजपुरोहित महाकाल को गुलाल लगाते हैं.

यह परंपरा केवल दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में ही निभाई जाती है. इस अलौकिक दृश्य को आत्मसात करने के लिए देश भर से शिव भक्त उज्जैन में महाकाल के दरबार पहुचे. आरती के बाद पुरोहित बाबा के प्रसाद के तौर श्रद्धालुओं पर रंगों की बौछार करते हैं और इसके साथ ही होली की औपचारिक शुरुआत हो जाती है. महाकाल को गुलाल लगाने के बाद मंदिर के प्रांगण में विधि विधान के साथ होलिका दहन किया जाता है. शिवभक्त बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं. अबीर-गुलाल से पूरा माहौल रंगीन हो जाता है. बता दें कि मंदिर में मौजूद रहने वाले श्रद्धालु 2 साल से कोरोना के चलते बाबा महाकाल संग होली नहीं मना पा रहे थे, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण की तमाम पाबंदी खत्म होने के बाद भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के धाम पहुंच कर उत्सव में शामिल हुए.


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