'खुद कुछ कमाकर नहीं खा सकते, अपनी मां के ऊपर बोझ हैं'...हिमंता बिस्वा सरमा का राहुल गांधी पर बड़ा हमला
लोकसभा चुनावों के बीच अग्निवीर योजना को लेकर कांग्रेस जमकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों के बीच अग्निवीर योजना को लेकर कांग्रेस जमकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है. राहुल गांधी लगातार अपने भाषणों में इस योजना को खत्म करने की बात कह चुके हैं. इसे लेकर अब बीजेपी ने राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया है.
बीजेपी ने कहा है कि राहुल गांधी पहले फौज में नौकरी करें, फौज को समझें फिर अग्निवीर योजना पर बात करें. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने तो सेना को बुलेटप्रूफ जैकेट और गोला-बारूद तक नहीं दिया था.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि अग्निवीर योजना के तहत लोग पहले सेना में नौकरी करेंगे और फिर राज्य पुलिस में नौकरी कर सकेगे. ये योजना युवाओं को पसंद है इसलिए इतनी बड़ी संख्या में युवा इंटरव्यू देने आ रहे हैं. उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल न तो सेना में शामिल हो सकते हैं, न ही अग्निवीर हो सकते हैं. वो खुद कुछ कमाकर नहीं खा सकते हैं. वो अपनी मां के ऊपर बोझ हैं. वह देशद्रोह का काम कर रहे हैं. मैं उन्हें चेतावनी देता हूं कि वो सेना के बारे में कुछ गलत नहीं बोले.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस देश में भ्रम फैलाना बंद करे. कांग्रेस ने बोफोर्स, जीप, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला किया. कांग्रेस ने सेना को कुछ भी नहीं दिया. सेना को वन रैंक, वन पेंशन नहीं दिया जबकि मोदी सरकार ने सेना को बुलेटप्रूफ जैकेट, हथियार और गोला-बारूद दिए. अग्निवीर योजना में 100 फीसदी जॉब गारंटी है. 75 फीसदी अग्निवीर जवान चार साल तक सेना में रहेंगे और फिर पुलिस विभाग और निजी सेक्टर में उनकी डिमांड होगी.
वहीं, जनरल वीके सिंह ने कहा कि मैं राहुल गांधी को सलाह देता हूं कि पहले फौज में नौकरी करो और फिर फौज पर बात करो. पहले फौज को समझो फिर बात करो. उनकी टिप्पणी से कोई फायदा नहीं है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार कहते आ रहे हैं कि अगर लोकसभा चुनाव में जीत के बाद इंडिया ब्लॉक सत्ता में आया तो अग्निवीर स्कीम को खत्म कर दिया जाएगा और कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा. उन्होंने 'हिंदुस्तान के जवानों को मजदूरों में बदलने' के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना भी की है.
केंद्र सरकार ने 2022 में सेना के तीनों अंगों में आयुसीमा को कम करने के उद्देश्य से सशस्त्र बलों में सैनिकों को अल्पकालिक तौर पर शामिल करने के लिए 'अग्निपथ भर्ती योजना' शुरू की थी. इस योजना के तहत साढ़े 17 साल से 21 साल की आयु वर्ग के युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में भर्ती किया जाता है, जिसमें से 25 प्रतिशत की सेवाओं को 15 साल तक जारी रखने का प्रावधान है.