हिमाचल प्रदेश सरकार 2 अक्तूबर से स्वर्णिम हिमाचल रथयात्रा करेगी शुरू, बैठक में लिया फैसला
हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती वर्ष पर हिमाचल प्रदेश सरकार 2 अक्तूबर से स्वर्णिम हिमाचल रथयात्रा शुरू करेगी।
हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती वर्ष पर हिमाचल प्रदेश सरकार 2 अक्तूबर से स्वर्णिम हिमाचल रथयात्रा शुरू करेगी। दो महीने में यह यात्रा प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में गुजरेगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उच्च स्तरीय समिति की बैठक में दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न विभागों के माध्यम से राज्य में 51 कार्यक्रम होंगे। 25 जनवरी, 2022 को एक विशाल कार्यक्रम होगा। इसके सफल आयोजन के लिए विधायक डॉ. राजीव बिंदल की अध्यक्षता में एक कार्यकारी समिति बनाई गई है।
चार उप समितियां भी गठित की गई हैं। इनमें स्वर्णिम रथ खरीद समिति, सूचना, शिक्षा एवं संप्रेषण समिति, सोशल मीडिया समिति और बजट समिति शामिल हैं। कहा कि सरकार इस वर्ष 25 जनवरी से स्वर्णिम रथयात्रा शुरू करना चाहती थी, लेकिन कोरोना के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। रथयात्रा में खेल, सामाजिक कार्य, संस्कृति, साहित्य आदि में उपलब्धि हासिल करने वाले सफल लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। स्वर्णिम रथ को राज्य के विकास के गौरवशाली इतिहास प्रदर्शित करने के लिए नवीनतम उपकरणों से लैस किया जाएगा। सभी बड़े विभाग पचास वर्षों के दौरान हुए विकास का प्रदर्शन करेंगे।
राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष और बजट समिति के अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा कि जहां रथयात्रा जाएगी और मुख्य कार्यक्रम होगा, वहां के मुख्य, ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण भवनों को भी सजाने के प्रयास किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार और स्वर्णिम रथयात्रा खरीद समिति के अध्यक्ष त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि प्रत्येक परिवार को भव्य आयोजन से जोड़ने के लिए कदम उठाए जाएंगे। बैठक में मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी शर्मा, सचिव देवेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
सभी जिलों को कमेटी गठित करने के निर्देश
सीएम ने रथयात्रा से संबंधित कार्ययोजना और अन्य जानकारी को अंतिम रूप देने के लिए सभी जिला प्रशासन को कमेटी गठित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पंचायतीराज संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों, युवक, महिला मंडलों और स्वयं सहायता समूहों को इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। कार्यकारी समिति के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने सुझाव दिया कि विशेष जिले में कार्यक्रम मनाते समय अलग जिलों के लिए अलग-अलग विषयों पर भी विचार किया जा सकता है।