हिमाचल सरकार ने जारी किए आदेश, प्रवेश के लिए फिर से ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने हिमाचल में प्रवेश के लिए कोविड वैक्सीनेशन प्रमाणपत्र या निगेटिव रिपोर्ट के साथ अब ऑनलाइन पंजीकरण करवाने की शर्त लगा दी है।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने हिमाचल में प्रवेश के लिए कोविड वैक्सीनेशन प्रमाणपत्र या निगेटिव रिपोर्ट के साथ अब ऑनलाइन पंजीकरण करवाने की शर्त लगा दी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ की ओर से बुधवार को जारी आदेशों के अनुसार प्रदेश में होने वाली सभी तरह की अंतरराज्यीय आवाजाही की निगरानी सरकार के कोविड ई-पास पोर्टल पर पंजीकरण के माध्यम की जाएगी।
हालांकि सभी माल वाहनों की आवाजाही पर यह शर्त लागू नहीं होगी। रोज या वीकेंड पर आवाजाही करने वालों जैसे उद्योगपतियों, व्यापारी, आपूर्तिकर्ता, उद्योगों के कामगार, परियोजना प्रस्तावकों, सेवा प्रदाताओं, सरकारी कर्मचारी और मरीजों के लिए कोविड वैक्सीन की दोनों डोज के प्रमाणपत्र या आरटीपीसीआर/रैट निगेटिव रिपोर्ट की शर्त में छूट रहेगी।
बशर्ते उन्हें 72 घंटों के भीतर वापस लौटना होगा। राज्य से बाहर गए हैं तो भी 72 घंटों के भीतर लौटना होगा। वहीं अभिभावकों के साथ आने वाले 18 से कम आयु के बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन की दोनों डोज के प्रमाणपत्र या आरटीपीसीआर/रैट निगेटिव रिपोर्ट की जरूरत नहीं होगी। बता दें सरकार ने हिमाचल में प्रवेश के लिए पहले ही कोविड वैक्सीन की दोनों डोज का प्रमाणपत्र या आरटीपीसीआर/रैट निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की है। अब पंजीकरण की शर्त भी लगाई गई है। प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव व राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राम सुभग सिंह की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं।
हर पात्र व्यक्ति लगवाए वैक्सीन की दोनों डोज: सीएम
उधर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य के लोगों से कोविड-19 टीकाकरण अभियान में भाग लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया है। हिमाचल इस अभियान में देश में अग्रणी राज्य है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को विश्राम गृह कांगड़ा में जन समस्याएं सुनीं। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए आवश्यक प्रबंध कर लिए गए हैं। टांडा मेडिकल कॉलेज और प्रदेश के अन्य सभी प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण पिछले कुछ महीनों से इसका आयोजन नहीं किया जा रहा है। स्थिति सामान्य होते ही यह कार्यक्रम फिर से शुरू किया जाएगा।