शिमला। हिमाचल प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों पर आज यानी शनिवार को मतदान होने जा रहा है. प्रदेशभर में 7,884 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. यहां सुबह 8 से शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे. राज्य में कुल 412 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद होगी. विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे. प्रदेश में कुल 55,92,828 मतदाता हैं. इनमें से 28,54,945 पुरुष और 27,37,845 महिलाएं मतदाता हैं. इसके अलावा, कुल 38 थर्ड जेंडर भी वोट डालेंगे. राज्य में 2017 के विधानसभा चुनावों में 75.57 प्रतिशत मतदान हुआ था. ये 2012 के विधानसभा चुनावों में 73.5 प्रतिशत मतदान से ज्यादा था.
हिमाचल प्रदेश का अब तक का ट्रेंड रहा है कि हर चुनाव में सरकार बदलती है. यानी सत्ताधारी पार्टी को हार का सामना करना पड़ता है. इसलिए इस बार चुनाव प्रचार में बीजेपी ने नया नारा दिया है- राज नहीं, रिवाज बदलेंगे. यानी सरकार नहीं, बल्कि पुरानी परंपरा को बदलेंगे. फिलहाल, राज्य में बीजेपी की सरकार है और जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री हैं. इससे पहले 2012 में कांग्रेस की सरकार बनी थी.
इस बार चुनाव आयोग ने वोटिंग को लेकर खास तैयारियां की हैं और वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने पर जोर दिया है. हिमाचल प्रदेश में 80 साल से ज्यादा उम्र के 1,21,409 मतदाता हैं. चुनाव आयोग ने तीन सहायक मतदान केंद्र भी बनाए हैं. कुल 7,884 मतदान केंद्रों पर वोटिंग होगी. इनमें से 789 बूथ संवेदनशील और 397 संवेदनशील हैं. चुनाव आयोग ने 15,256 फीट की ऊंचाई पर लाहौल स्पीति जिले के स्पीति क्षेत्र में ताशीगंग, काजा में सबसे ऊंचा बूथ स्थापित किया है. यहां 52 मतदाता वोट डालेंगे.
बताते चलें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में 19 महिला प्रत्याशी थीं. 2012 में 34 ने दावेदारी की थी. इस बार सिर्फ 24 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं. भाजपा ने महिला मतदाताओं को लुभाने का काम किया है. पार्टी ने महिलाओं को लुभाने के लिए एक घोषणापत्र भी जारी किया है. भाजपा ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने और 8 लाख नौकरियों का वादा किया है, जबकि कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली, 300 यूनिट मुफ्त बिजली और एक लाख रोजगार और 680 करोड़ रुपये का स्टार्टअप फंड दिए जाने का वादा किया है. एक लाख रोजगार देने का वादा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से किया गया है.