हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, मंत्री की बेटी सरकारी शिक्षक की नौकरी से बर्खास्त, मचा हड़कंप
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले का मामला कोर्ट में है. भर्ती घोटाले से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंत्री की पुत्री को नौकरी से निकालने का आदेश दिया है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि मंत्री की पुत्री वेतन के मद में प्राप्त की गई धनराशि भी लौटाए. कोर्ट ने दो किश्त में वेतन लौटाने का आदेश दिया है.
ये आदेश कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ ने दिया है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के शिक्षा विभाग के मंत्री परेश अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी को नौकरी से बर्खास्त करने का आदेश दिया. कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अपने आदेश में ये भी कहा कि अंकिता अधिकारी नौकरी की अवधि के दौरान वेतन के मद में मिली धनराशि भी वापस करें.
कोर्ट की ओर से अंकिता को वेतन के मद में प्राप्त धनराशि दो किश्तों में लौटाने के लिए कहा गया है. इसकी पहली किश्त 7 जून के पहले लौटानी होगी. गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती में अनियमितता की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है. सीबीआई ने अंकिता अधिकारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था.
अंकिता अधिकारी पर आरोप है कि अपने पिता की पोजिशन का फायदा उठाते हुए स्कूल सर्विस कमीशन की मेधा तालिका में अपना नाम चढ़वाया और इसके बूते शिक्षक की सरकारी नौकरी हासिल की. कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश ऐसे समय आया है, जब अंकिता के पिता और पश्चिम बंगाल सरकार के शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी को पूछताछ के लिए सीबीआई ने बुलाया है.
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी से एक दिन पहले भी, यानी 19 मई को भी पूछताछ हुई थी. यह लगातार दूसरा दिन है जब परेश अधिकारी पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर बुलाया गया है. वहीं, इसी मामले में सूबे के उद्योग मंत्री से भी पूछताछ होनी है. सीबीआई ने राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी को पूछताछ के लिए अगले सप्ताह तलब किया है.