नई दिल्ली। पुलिस गवाहों के उदासीन रवैये के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने सब इंस्पेक्टर (SI) को उसकी जांच और क्रॉस एग्जामिनेशन पूरी होने तक सुरक्षात्मक हिरासत में जेल भेज दिया। NDPS एक्ट के तहत जमानत याचिका पर विचार करते हुए न्यायालय ने पाया कि पंजाब के SI परमजीत सिंह को दो बार जमानती वारंट के माध्यम से समन भेजे जाने और तामील किए जाने के बावजूद वह गवाह के रूप में ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हुए।
जस्टिस राजबीर सहरावत ने कहा, "याचिकाकर्ता को केवल इसलिए हिरासत में नहीं रखा जा सकता, क्योंकि पुलिस अधिकारी ट्रायल कोर्ट के समक्ष गवाह के रूप में पेश नहीं हुए। इसलिए इस गवाह के खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई करना अनिवार्य हो गया।" इसके परिणामस्वरूप न्यायालय ने निर्देश दिया, “SI परमजीत सिंह को आज से एक सप्ताह की अवधि के भीतर सुरक्षात्मक हिरासत में लिया जाए और उसे सेंट्रल जेल, कपूरथला में रखा जाए, जिससे उसे उस न्यायालय के समक्ष निर्धारित अगली तिथि पर ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश किया जा सके। यह भी आदेश दिया जाता है कि जब तक उसकी जांच और क्रॉस एग्जामिनेशन पूरी नहीं हो जाती, तब तक वह हिरासत में रहेगा।"
जस्टिस सहरावत ने इस मामले को 24 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा कि कपूरथला के सीनियर पुलिस अधीक्षक एसआई परमजीत सिंह की गिरफ्तारी सुनिश्चित करेंगे। इस संबंध में न्यायालय के समक्ष एक रिपोर्ट दाखिल करेंगे। यह उल्लेख करना उचित है कि हाईकोर्ट ने हाल ही में यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए कि पुलिस/आधिकारिक गवाहों की गैर-उपस्थिति के कारण नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत मुकदमे में देरी न हो। इससे पहले भी न्यायालय ने NDPS Act के तहत मामलों में पुलिस अधिकारियों के गवाह के रूप में पेश न होने पर निराशा व्यक्त की। जस्टिस मंजरी नहरू कौल ने कहा कि इस तरह की गैरहाजिरी के कारण अक्सर मुकदमे लंबे समय तक चलते हैं।