दिग्विजय सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट ने शिवराज सरकार को भेजा नोटिस, जानें मामला

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर पीठ (Indore Bench) ने राज्य सरकार को नोटिस जारी।

Update: 2021-06-08 11:58 GMT

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) की इंदौर पीठ (Indore Bench) ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर उज्जैन, इंदौर और मंदसौर में अयोध्या के राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) निर्माण के लिए दान अभियान के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा (Communal Violence) को रोकने में कथित लापरवाही पर छह सप्ताह में जवाब मांगा है.

मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल की पीठ राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. जिसमें उन्होंने भीड़, सांप्रदायिक हिंसा और मॉब लिंचिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के लिए राज्य को निर्देश जारी करने के लिए अदालत का रुख किया था.
दान देने के लिए मजबूर करना गलत
राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव को याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए जवाब देने के लिए छह सप्ताह का समय दिया गया है. दिग्विजय सिंह की ओर से दायर अपनी याचिका में, अधिवक्ता रवींद्र सिंह छाबड़ा ने कहा, "याचिकाकर्ता अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण के पवित्र कार्य का समर्थन करता है, हालांकि धन / दान का संग्रह स्वैच्छिक होना चाहिए और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को इस पवित्र उद्देश्य के लिए दान देने के लिए मजबूर या धमकी दी गई, ऐसा नहीं करना चाहिए था.
धन संग्रह की आड़ में हुई सांप्रदायिक हिंसा
याचिका में कहा गया है कि दिसंबर 2020 से, कुछ संगठनों ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए पूरे मध्य प्रदेश में धन संग्रह का अभियान शुरू किया. इस आड़ में इन संगठनों ने सांप्रदायिक हिंसा और राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ दिया. वहीं इस दौरान जमकर विवाद से संबंधित वीडियो और फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई थी. उस याचिका पर सोमवार को इंदौर हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है.
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