हाईकोर्ट ने असिस्टेंट टाउन प्लानर की नियुक्ति के रिजल्ट पर लगाई रोक, 186 कैंडिडेट्स की उम्मीदवारी रद्द

Update: 2023-09-16 10:12 GMT
रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में असिस्टेंट टाउन प्लानर की नियुक्ति के लिए जेपीएससी (झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन) की ओर से ली गई परीक्षा और इंटरव्यू का रिजल्ट दोबारा जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इंटरव्यू में शामिल हुए कैंडिडेट में से 186 लोगों की उम्मीदवारी रद्द करने का आदेश दिया है।
इनमें से 26 कैंडिडेट ऐसे थे, जिनका नाम मेरिट लिस्ट में शामिल था। कोर्ट के आदेश के बाद इनकी नियुक्ति की अनुशंसा भी रद्द कर दी जाएगी। पहले हाईकोर्ट की एकल पीठ ने असिस्टेंट टाउन प्लानर की नियुक्ति की मेरिट लिस्ट को सही ठहराया था, लेकिन इस आदेश के खिलाफ विवेक हर्षल, स्वप्रिल मयुरेश एवं अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद डबल बेंच ने एकल पीठ के फैसले को पलट दिया।
बता दें कि अप्रैल 2020 में जेपीएससी ने पूरे राज्य में सहायक टाउन प्लानर के 77 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। मार्च 2021 में सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए जेपीएससी ने परिणाम जारी कर दिया और सफल हुए 43 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा सरकार को भेज दी थी। इनमें से 26 ऐसे अभ्यर्थी थे, जिनके पास फॉर्म भरने की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर (इंडिया) का सर्टिफिकेट नहीं था। जेपीएससी ने 318 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाया था, जिनमें से 186 अभ्यर्थियों के पास फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 10 अगस्त 2020 तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर (इंडिया) का सर्टिफिकेट तक नहीं था।
इस नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में रिट दायर की थी। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने शनिवार का पारित आदेश में कहा है कि फॉर्म भरने की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर का सर्टिफिकेट नहीं होने के बावजूद जेपीएससी ने जिन 186 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाया था, उनकी उम्मीदवारी रद्द की जाए। इसके बाद शेष बचे वैसे अभ्यर्थी जिन्हें साक्षात्कार में बुलाया गया था और जिनके पास फॉर्म भरने की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर का सर्टिफिकेट था, उनकी नियुक्ति के लिए नया पैनल बनाकर दो माह में फ्रेश रिजल्ट जारी करें।
अपीलकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अमृतांश वत्स, अधिवक्ता सिद्धार्थ रंजन, शिप्रा शालिनी ने पैरवी की थी। जबकि, जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल, प्रिंस कुमार ने पैरवी की।
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