हाई कोर्ट ने पलटा निचली कोर्ट का फैसला, महिला की मौत मामले में चार लोग बरी, जाने क्या था मामला?
महिला के रिश्तेदारों ने पुलिस को बताया कि...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महिला की मौत के मामले में चार लोगों को बरी कर दिया हैं. दरअसल, शादी के दो महीने बाद ही एक महिला ने आत्महत्या कर ली थी. महिला के मायके वालों ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी मेघा के ससुराल वाले दहेज की वजह से उसे परेशान करते थे. इस मामले में निचली अदालत ने परिवार के चार सदस्यों महिला के पति, उसके माता पिता और भाई को दोषी करार दिया था. सोलापुर अदालत ने आरोपी परिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने इन्हें बरी कर दिया है. अदालत ने कहा है कि अभियोजन पक्ष सबूतों के आधार पर अपने दावे को साबित नहीं कर सकता है.
क्या था मामला?
दरअसल, इस जोड़े की शादी 28 जुलाई 2010 को हुई थी. वह एक जॉइंट फैमिली में रहते थे. जिस दिन महिला ने आत्महत्या की उस दिन उसका पति और महिला का भाई घर से बाहर चले गए. पति ने महिला के भाई को पास के एक बस डिपो पर छोड़ दिया और वह अपने ऑफिस के लिए निकल गया. इधर जब परिवार के लोगों ने महिला के कमरे का दरवाजा खटखटाया तो महिला ने दरवाजा नहीं खोला. जब जबरन गेट खोला गया तो महिला सीलिंग से लटकी हुई थी.
महिला के रिश्तेदारों ने पुलिस को बताया कि मृतका बताती थी कि उसके ससुराल वाले उसे दहेज के लिए परेशान करते थे. महिला के परिवार ने आरोप लगाया की 1 तोला सोने की अंगूठी की मांग न पूरी करने की वजह से उसे भूखा रखा गया था. मेघा ने औरंगाबाद से मैथ्स में पोस्ट ग्रेजुएट किया हुआ था.
बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस साधना एस जाधव और जस्टिस नितिन आर बोरकर की बेंच ने कहा कानूनी रूप से स्वीकार्य सबूत के अभाव में 'नैतिक' आधार पर सजा नहीं हो सकती है.
ससुराल पक्ष के वकील ने कहा की सबूतों से पता चला है कि दहेज या सोने को लेकर दोनों परिवार में कोई मतभेद नहीं थी. शादी के 2 महीने के भीतर मेघा का सुसाइड करना यह बताता है की यह शादी उसकी मर्ज़ी के खिलाफ हुई थी.
हालांकि, अदालत ने मौजूदा सबूतों को देखते हुए कहा की महिला के मृत्यु के वक्त पति अपने काम पर था. इसके अलावा, कमरे का दरवाजा भी अंदर से बंद था. और मेडिकल सबूत भी यही इशारा करती है की मेघा की मौत फांसी की वजह से दम घुटने से हुई है. सिर्फ यह देखना की मौत के वक्त महिला अपने ससुराल थी. इस आधार पर दोषी ठहराना अनुचित होगा.