पूर्व CBI निदेशक पर हाई कोर्ट ने लगाया 10 हजार का जुर्माना, ट्विटर पर ब्लू टिक के लिए पहुंचे थे, जानें पूरा मामला
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई के पूर्व निदेशक और पूर्व आईपीएस अधिकारी एम नागेश्वर राव की एक याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर ब्लू टिक को बहाल करने की मांग की थी, साथ ही उन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता एम नागेश्वर राव को पिछले महीने ट्विटर से संपर्क करके अपनी समस्या सुलझाने के लिए कहा था, बावजूद इसके फिर से उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया। 17 अप्रैल को भी न्यायमूर्ति वर्मा ने राव की उसी याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था और उनसे ट्विटर के सामने अपनी शिकायतें उठाने को कहा था।
अदालत ने मंगलवार को टिप्पणी की, "हमने पिछली याचिका एक आदेश पारित किया था। आपको तुरंत अदालत का दरवाजा खटखटाने की क्या जरूरत पड़ गई? आपके मुवक्किल के पास बहुत खाली समय है। क्या आप हमसे वापसी का उपहार चाहते हैं?"
बता दें कि राव ने 7 अप्रैल को ट्विटर पर ब्लू टिक के लिए फिर से आवेदन किया था। हालांकि, वह इस बात से दुखी थे कि ट्विटर ने आज तक उनके ट्विटर हैंडल से जुड़े वेरिफिकेशन टैग को दोबारा नहीं लगाया। राव के वकील ने मंगलवार को अदालत को बताया कि ट्विटर के साथ उनका आखिरी संवाद 18 अप्रैल को हुआ था और उनका सत्यापन अभी तक बहाल नहीं हुआ है।
उन्होंने अदालत से इस मामले को फिर से सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। अदालत ने, हालांकि, अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और याचिका को जुर्माने के साथ खारिज किया। अदालत ने कहा कि इसका कोई औचित्य नहीं है। रिट याचिका को यह ध्यान में रखते हुए दायर किया जाना चाहिए कि पिछली रिट याचिका का निपटारा 7 अप्रैल को किया गया था। अदालत ने यह भी नोट किया कि ट्विटर को याचिकाकर्ता पर निर्णय लेने के लिए कम से कम उचित समय देना चाहिए।
इसके अलावा, ट्विटर पर ब्लू टिक को बहाल करने की मांग करते हुए राव ने केंद्र सरकार के सूचना मंत्रालय मंत्रालय से भी गुहार लगाई है।