हाईकोर्ट ने वकील को दिया बड़ा झटका, इस कारण जेल की सजा सुना दी
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक वकील को ही जेल की सजा सुना दी। मंगलवार को हुई एक मामले में सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोर्ट की आपराधिक अवमानना के दोषी वकील को 6 महीनों के लिए जेल भेजने का फैसला सुना दिया। इतना ही नहीं वकील पर जुर्माना भी लगाया गया है। …
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक वकील को ही जेल की सजा सुना दी। मंगलवार को हुई एक मामले में सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोर्ट की आपराधिक अवमानना के दोषी वकील को 6 महीनों के लिए जेल भेजने का फैसला सुना दिया। इतना ही नहीं वकील पर जुर्माना भी लगाया गया है। आरोप हैं कि एक याचिका में वकील की तरफ से जजों पर ही गंभीर आरोप लगा दिए गए थे।
वकील वीरेंद्र सिंह की तरफ से एक आपराधिक अपील दाखिल की गई थी, जिसे 14 जुलाई 2022 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था। इस याचिका में कई जजों के खिलाफ मनमाने व्यवहार, भेदभाव जैसे आरोप लगाए गए थे और उनका नाम भी शामिल किया गया था। अब सुनवाई के दौरान जज ने वकील से पूछा कि क्या वे इन आरोपों को वापस लेना चाहते हैं, तो सिंह ने इनकार कर दिया।
तब जज ने पाया कि ये आरोपी पीड़िता अपीलकर्ता नहीं, बल्कि सिंह की सलाह पर लगाए गए थे। जज ने कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया और इस मामले को डिविजन बेंच के सामने रखने के आदेश दिए।
मंगलवार को जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस शैलेंद्र कौर इसे लेकर सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने पाया कि सिंह को माफी मांगने का भी मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया और अपने आरोपों पर अड़े रहे। कोर्ट ने कहा, 'यह दिखाता है कि उन्हें कोई पश्चाताप नहीं है।'
कोर्ट ने आदेश दिए, 'इस कोर्ट की राय है कि अवमानना करने वाले को अपने किए गए बर्ताव पर कोई पश्चाताप नहीं है। इसके चलते हम उन्हें 2 हजार रुपये के जुर्माने के साथ 6 महीनों की सजा सुनाते हैं और अगर वह जुर्माना नहीं भरते हैं, तो उन्हें 7 दिनों की कैद होगी। आदेश दिए जाता है कि SI प्रेम (नायब कोर्ट) अवमानना करने वाले को हिरासत में लेंगे और तिलक मार्ग थाना SHO के साथ उसकी कस्टडी को तिहाड़ जेल SP को सौंप देंगे।'
डिविजन बेंच ने यह तर्क मानने से इनकार कर दिया कि लगाए गए आरोप पीड़ित के साथ हुए अन्याय को दिखाने के लिए हैं।