लो भाई! भारत में कोरोना वैक्सीन की मंजूरी से पहले नया विवाद, मुस्लिम संगठनों ने किया ये दावा
साल के अंत होते-होते कोरोना के खिलाफ लड़ाई जारी है और अब वैक्सीन लगभग तैयार है. दुनिया के कई देशों में कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू हो गया है, जल्द ही भारत में भी इसे मंजूरी मिल सकती है. लेकिन किसी भी तरह की मंजूरी मिलने से पहले ही विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, कुछ मुस्लिम संगठनों ने तर्क दिया है कि कोरोना वैक्सीन इस्लामिक उसूलों के खिलाफ है, ऐसे में इन्हें उसूलों के मुताबिक बनाना चाहिए.
हाल ही में मुंबई में इस्लामिक संगठनों की एक बैठक हुई, जिसमें ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत ए उलेमा और रजा अकादमी के लोग शामिल हुए. मुस्लिम संगठनों का दावा है कि कोरोना की कुछ वैक्सीन में सुअर की चर्बी का इस्तेमाल हो रहा है, जो कि उनके लिए हराम है.
मुस्लिम संगठनों का कहना है कि चीन की वैक्सीन में सुअर की चर्बी हो सकती है, ऐसे में वो भारत सरकार से अपील करते हैं कि चीनी वैक्सीन को भारत न मंगाए.दावों में कितनी सच्चाई?
चीन की कोरोना वैक्सीन में सुअर की चर्बी है या नहीं, इस बारे में अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं है. चीन की ओर से अभी तक दुनिया को उसकी वैक्सीन के बारे में अधिक नहीं बताया गया है.
हालांकि, अगर वैक्सीन बनने की प्रक्रिया को समझें तो उसमें जिलेटिन डलता है, जो किसी भी वैक्सीन में स्टेबलाइज़र का काम करता है. ये जिलेटिन ज्यादातर सुअर की चर्बी से ही बनता है. दुनिया के अलग-अलग देशों में उठ रहे ऐसे सवालों को लेकर वैक्सीन कंपनियों ने अपनी सफाई दी है. फाइजर, मॉडर्ना और एस्ट्राजेनेका ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन में सुअर की चर्बी नहीं है
कुछ ने विवाद को नकारा
हालांकि, ऐसा नहीं है कि सभी मुस्लिम संगठन कोरोना वैक्सीन का विरोध कर रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि कोरोना जैसी भीषण महामारी के सामने धार्मिक नियम कायदे जिंदगी बचाने के आड़े नहीं आने चाहिए, लिहाजा वैक्सीन में सुअर की चर्बी के मसले को बेवजह का विवाद बताया जा रहा है.
आपको बता दें कि चीन का दावा है कि उसने अबतक करीब दस लाख लोगों को वैक्सीन दे दी है. हालांकि, दुनिया को अपनी वैक्सीन के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है. लेकिन चीन यूएई, ब्रुनई समेत कई देशों मेंअपनी वैक्सीन का ट्रायल चला रहा है. दुनिया में जारी विवाद के बीच UAE पहले ही कह चुका है कि अगर किसी वैक्सीन में सुअर की चर्बी है, तो उसे कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि लोगों की जान बचाना जरूरी है.