हीट वेव से लीची उत्पादन पर असर पड़ने के आसार, किसान ने कही ये बात

Update: 2023-04-14 10:41 GMT

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मुजफ्फरपुर (आईएएनएस)| बिहार का मुजफ्फरपुर लीची के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इस साल लीची के किसान पैदावार को लेकर आशंकित है। अप्रैल महीने में ही राज्य के कई जिलों में हीट वेव के कारण लीची, खासकर चाइना लीची के उत्पादन के कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मुजफ्फरपुर के लीची के किसान भोला नाथ झा का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इतनी जल्दी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो लीची के लिए सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि शाही प्रजाति के लीची में तो 20 प्रतिशत कमी होने की संभावना है लेकिन चाइना लीची के उपादन 70 से 80 फीसदी तक कम होने का अनुमान है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि अभी और ज्यादा बहुत कुछ नहीं बोला जा सकता है।
उनका कहना है कि इस बार व्यापारियों की मांग के अनुसार दूसरे प्रदेश व महानगरों में लीची नहीं भेज पाएंगे।
भारत सरकार के कृषि और सहकारिता विभाग के वर्ष 2020-2021 के आंकड़े के अनुसार भारत में 97.91 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती हो रही है जिससे कुल 720.12 हजार मैट्रिक टन उत्पादन प्राप्त होता है। आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में लीची की खेती 36.67 हजार हेक्टेयर में होती है जिससे 308.06 हजार मैट्रिक टन लीची का फल प्राप्त होता है।
बिहार में लीची की उत्पादकता 8.40 टन प्रति हेक्टेयर है जबकि राष्ट्रीय उत्पादकता 7.35 टन प्रति हेक्टेयर है।
इधर, अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक एवं डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के सह निदेशक अनुसन्धान डॉ एस के सिंह का मानना है कि लीची के लिए अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अधिकतम तापमान के अधिक होने के कारण फलों में गुदा कम होगा जबकि गुठली का आकार बड़ा होगा।
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