कोरोना वैक्सीन की जगह एलर्जी और गैस का इंजेक्शन लगाने वाला स्वास्थ्यकर्मी गिरफ्तार
बड़ा फर्जीवाड़ा
वाराणसी में कोरोना टीका के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। देश में अपने तरह का यह इकलौता मामला है। यहां के पिंडरा में काशीपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का कर्मचारी 20 से 50 रुपए लेकर कोरोना के नाम पर एलर्जी और गैस का इंजेक्शन लगा रहा था। शिकायत के बाद स्वास्थ्यकर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पता चला कि वह कोरोना टीका के नाम पर डेक्सोना और एसीलॉक इंजेक्शन लगा रहा था। डेक्सोना एंटी एलर्जिक इंजेक्शन है और एसीलॉक गैस का इंजेक्शन है।
काशीपुर गांव में स्वास्थ्य कर्मचारी मोहन राम 20 रुपये प्रति व्यक्ति के लेकर लोगों को इंजेक्शन लगा रहा था। एक युवक ने बिना रजिस्ट्रेशन के टीका लगाने के बाद प्रमाण पत्र मांगा तो वह धौंस देने लगा। इस पर युवक को शक हुआ और उसने फर्जी टीका लगाने की सूचना सिंधोरा पुलिस को दी। थाने से एसएसआई संजीत बहादुर सिंह मौके पर पहुंचे और जांच की। इंजेक्शन के वायल को जब्त करने के बाद प्रभारी चिकित्सा अधिकारी पिंडरा डॉ एच सी मौर्य को सूचना दी। सूचना पर पहुंचे चिकित्सा अधिकारी ने कोविशिल्ड के बजाय डेक्सोना के इंजेक्शन होने की पुष्टि की। उसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर थाने लाई।
पूछताछ में उसने बताया कि धन कमाने के नियत से कई दिनों से गांवों में घूम-घूमकर उक्त इंजेक्शन लगाकर 20 से 50 रुपये तक वसूल रहा था। पुलिस ने पिंडरा पर तैनात स्वास्थ्य कर्मचारी बीरबल की तहरीर पर धारा 268, 269 व 15 व 2 बी के तहत उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गिरफ्तार कर्मचारी सिंधोरा थाना क्षेत्र के गड़खडा गांव का निवासी है। ग्रामीण रत्नेश पांडेय ने बताया कि गत एक सप्ताह से काशीपुर स्वास्थ्य केंद्र के आसपास के गांवों में घूम कर फर्जी इंजेक्शन लगा रहा था और 20 से 50 रुपये की वसूली कर रहा था।