स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतरी, लोगों को नहीं मिल रही सुविधा

Update: 2023-09-04 12:26 GMT
चूरू। चूरू करीब 50 हजार की आबादी वाले कस्बे में स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हैं। यहां के राजकीय टांटिया अस्पताल में स्टाफ की कमी के चलते लोगों को परेशानी हो रही है। लोगों ने बताया कि अस्पताल में मुफ्त जांच योजना की सुविधा होने के बाद भी जांचे बाहर से करवानी पड़ रही है। जानकारी के मुताबिक अस्पताल में कस्बे के अलावा दो दर्जन गांवों के ग्रामीण इलाज के लिए आते हैं। रोजाना की ओपीडी करीब 300 है। अस्पताल के प्रभारी अधिकारी मनीराम डूडी ने बताया कि कई कार्मिकों के पद रिक्त चल रहे हैं। जांच लैब में महज एक कार्मिक तैनात है। लोगों ने बताया किमुफ्त जांच योजना का फायदा नहीं मिल रहा है। जांचे बाहर से करवानी पड़ रही है। जिससे जेबें हल्की हो रही हैं। अस्पताल में स्टॉफ की कमी का फायदा निजी लैब संचालकों को हो रहा है। लोगों ने कहा कि जिम्मेदारों की अनदेखी का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
अस्पताल में लैब टेक्नीशियन के सभी पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं। वर्तमान में दो लैब सहायक कार्यरत हैं। जिनमें से एक को सुजानगढ़ प्रतिनियुक्ति पर लगा रखा है। सिर्फ एक लैब सहायक के भरोसे मुफ्त जांच योजना चल रही है। लैब टेक्नीशियन के दो पद तथा वरिष्ठ लैब टेक्नीशियन का एक पद लंबे समय से रिक्त है। इसके अलावा रेडियोग्राफर के चार में से तीन पद रिक्त हैं। एक रेडियोग्राफर लोगों के एक्सरे कर रहा है उसके अवकाश पर जाने के बाद लोगों को बाहर से एक्सरे करवाने पड़ते हैं। सीएचसी में इसीजी के टेक्रिशियन का पद स्वीकृत होने के समय से खली चल रहा है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक रिक्त पदों को लेकर महकमे के आला अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया गया है। अस्पताल में कई प्रकार की खून संबंधी जांचें को अलावा, एक्सरे, इसीजी व अन्य जांचें नहीं हो रही है। मजबूरी में ग्रामीणों व कस्बे के लोगों को जांचें बाहर से करवानी पड़ रही है। लोगों ने बताया कि जांचें बाहर से करवाने से जेब पर भार पड़ रहा है। इधर, निजी लैब संचालक चांदी कूट रहे हैं। प्रदेश सरकार लैब टैक्रिशियनों की भर्ती करने जा रही है। जिला स्तर पर भी भर्ती की जा रही है। इसके बाद बीदासर के राजकीय टांटिया सामुदायिक अस्पताल में लैब टेक्रशियनों के रिक्त चल रहे पदों को भर दिया जाएगा।
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