स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- 'गर्भवती महिलाएं लगवा सकती हैं वैक्सीन, बच्चों पर ट्रायल के नतीजे सितंबर तक आएंगे'
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के तीसरी लहर की चर्चा तेज होने लगी है.
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के तीसरी लहर की चर्चा तेज होने लगी है. एक्सपर्ट इसे लेकर कई तरह के विचार रख रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 48 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसका पता 45,000 सैंपल की सीक्वेंसिंग करने पर चला है. इसमें सबसे ज्यादा 20 केस महाराष्ट्र में सामने आए हैं.
बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सेक्रेटरी, रेणु स्वरूप ने कहा कि वायरस का कोई भी वेरिएंट प्रभाव न डाले, इसकी कोशिश होनी चाहिए. डेल्टा वेरिएंट कई देशों में है. उन्होंने कहा, "डेल्टा वेरिएंट में एक और म्यूटेशन का पता लगा है. इसे 'डेल्टा प्लस' नाम दिया गया है. हम देख रहे हैं कि डेल्टा प्लस के कारण कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी तो नहीं हो रही है."
बच्चों के लिए वैक्सीन जल्द
देश में भारत बायोटेक की ओर से बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए ट्रायल बहुत तेजी से चल रहा है. दिल्ली के एम्स समेत दूसरे सेंटर पर भी ट्रायल जारी है. अभी 6 साल की उम्र से 18 वर्ष तक के बच्चों का फर्स्ट फेज का ट्रायल पूरा हो चुका है, जबकि 2-4 साल तक के बच्चों का ट्रायल सोमवार से होना बाकी है. सूत्रों के अनुसार, सितंबर के महीने में बच्चों पर ट्रायल के नतीजे आ जाएंगे.
दूसरी लहर में गर्भवती महिलाएं मौत की शिकार
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने गर्भवती महिलाओं और बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद की महिलाओं को लेकर स्टडी किया. ये स्टडी कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर में किया गया है. पहली लहर में इनमें सिम्प्टोमेटिक केस (लक्षण वाले मामले) 14.2% था, वहीं दूसरी लहर में यह बढ़कर 28.7 फीसदी हो गया. पहली लहर में जहां मृत्युदर 0.7% था, दूसरी लहर में बढ़कर 5.7 % हो गया. दोनों लहर में मैटर्नल डेथ 2 फीसदी रहा.
गर्भवती महिलाएं भी लगा सकती हैं वैक्सीन
मौजूदा टीकाकरण अभियान में कुछ वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने गर्भवती महिलाओं के लिए भी वैक्सीन को कारगर बताया है. दावा यह किया जा रहा है कि गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने के बाद कुछ केस में गर्भ में पल रहे बच्चों में भी एंटीबॉडी डेवलप हो रहा है. ICMR के निदेशक डॉ बलराम भार्गव ने आज एक बार फिर कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर गाइडलाइंस जारी की है कि गर्भवती महिलाओं को भी वैक्सीन लगाई जा सकती है.
डेल्टा प्लस पर वैक्सीन कितना कारगर!
डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि 7 से 10 दिनों में पता लग जाएगा कि डेल्टा प्लस पर वैक्सीन कितनी कारगर है. उन्होंने कहा कि डेल्टा वेरिएंट में म्युटेशन प्रेशर से भी होता है और उसे ज्यादा बेहतर माहौल मिलने से होता है. उन्होंने कहा, "समूह में वायरस फैलने खतरा ज्यादा रहता है. डेल्टा वेरिएंट 80 देशों में है. इसके 3 सब-टाइप हैं. 16 देशों में 25 फीसदी से ज्यादा मामले डेल्टा वेरिएंट के हैं. वहीं 12 देशों में डेल्टा प्लस वेरिएंट हैं."
देश में 90 फीसदी मामले डेल्टा वेरिएंट के
सरकार ने कहा कि कोविड-19 के चिंताजनक स्वरूप के मामलों का अनुपात मई, 2021 के 10.31 फीसदी से बढ़कर जून, 2021 में 51 फीसदी हो गया. सरकार ने जोर दिया कि देश में इस्तेमाल हो रहे कोविड-19 के दोनों टीके- कोविशील्ड और कोवैक्सिन कोरोना वायरस के अल्फा (B.1.1.7), बीटा (B.1.351), गामा (P.1) और डेल्टा (B.1.617.2) वेरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में कोविड-19 के 90 फीसदी मामले डेल्टा वेरिएंट के हैं. मंत्रालय ने बताया, "35 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के 174 जिलों में चिंताजनक कोविड वेरिएंट के मामले पाए गए हैं. इनमें से सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात में मिले हैं."