स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी, नए वैरिएंट से बचने घर में ही रहे बच्चे और बुजुर्ग

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Update: 2021-11-29 09:41 GMT

दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Covid Variant) B.1.1.1.529 ने दुनियाभर में एक बार फिर खतरे की घंटी बजा दी है। इससे भारत सरकार एक बार फिर सतर्क हो गई है और राज्य सरकारों को भी एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। विदेश में बढ़ते इस नए वैरिएंट को देखते हुए गुरुग्राम जिला स्वास्थ्य विभाग ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है। अब हाई रिस्क देशों से यात्रा करके आने वाले यात्रियों को होम आइसोलेशन में रहना होगा। वहीं डॉक्टरों ने बच्चों और बुजुर्गों को घरों में ही रहने की हिदायत दी है।

हरियाणा सरकार ने हाई रिस्क देशों को दो श्रेणियों में बांटा है। इनमें हाई रिस्क और ए श्रेणी के देश शामिल हैं। प्रदेश सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार यूके, फ्रांस, जर्मनी, नेपाल, बेलारूस, लेबानन, आर्मेनिया, यूक्रेन, बेलजियम, हंगरी, सर्बिया देशों से यात्रा करके यदि कोई भारत लौटता है और उसे वैक्सीन की दोनों डोज लगी हुई हैं, तो उन्हें यहां लौटने पर 14 दिन घर पर सेल्फ आइसोलेशन में रहना होगा। वहीं, इन देशों से लौटने वाले किसी यात्री को यदि वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगी हैं, या किसी अन्य देश से यात्री आता है तो उसे भारत लौटने पर सबसे पहले कोविड-19 टेस्ट कराना होगा। वहीं, सात दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना होगा। आठवें दिन किए गए टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उस व्यक्ति को सात दिन तक सेल्फ मॉनिटरिंग में रहना होगा।

सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ. नवीन कुमार ने कहा कि संक्रमण से बचाव के लिए बच्चों और बुजुर्गों को जयादा एहतियात बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस आयु वर्ग के लोग घर से बाहर कम निकलें तो उनके लिए बेहतर है। उन्होंने बताया कि दोनों आयु वर्गों को रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने वाले पदार्थ ज्यादा लेने चाहिए। इसके लिए जो पदार्थ विटामिन सी से भरपूर हैं, उनका सेवन अधिक करना चाहिए। वहीं उन्होंने हिदायत दी है कि बच्चे और बुजुर्ग किसी से भी बात करते समय मुंह पर मास्क जरूर लगाएं और हाथों को बार बार साफ करें।

सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय की सभी गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग ने जिले में कोरोना जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है। पहले जहां प्रतिदिन औसतन तीन हजार नमूनों की जांच की जा रही थी। वहीं इनकी संख्या अब बढ़ा दी गई है।

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