इंदौर हवाला कारोबार (Hawala) का गढ़ बनता जा रहा है. एसटीएफ (STF) ने एक घर पर दबिश देकर हवाला रैकेट का पर्दाफाश किया. हवाला कारोबारियों ने रिहायशी बस्ती में एक घर को अपना अड्डा बना रखा था. इस घर की दीवार में चैंबर बनाकर उसमें 70 लाख छुपा रखे थे. पुलिस ने फिलहाल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ (स्पेशल टास्क फ़ोर्स) की इंदौर यूनिट ने मंगलवार देर रात संयोगितागंज थाना इलाके के जावरा कम्पाउंड स्थित एक बिल्डिंग के फ्लैट पर छापा मारा. पुलिस को मौके से 70 लाख रूपये मिले जो फ्लैट की दीवार में एक तहनुमा चैंबर बनाकर रखे हुए थे. सिर्फ स्केल से दबाने से ही यह चैंबर खुलता था. यहां मौजूद सात आरोपियों को पकड़ लिया गया. पिछले लम्बे समय से ये रैकेट चल रहा था.
6 महीने में एक करोड़ की हवाला राशि
इंदौर पिछले कुछ समय से हवाला कारोबार का गढ़ बन गया है. लगभग छह महीने के भीतर ही यहां एक करोड़ रूपये की हवाला राशि का खुलासा हुआ है. कुछ समय पहले तुकोगंज और राजेंद्र नगर पुलिस ने लाखों रूपये की राशि जब्त की थी और मामले की जांच के लिए आयकर विभाग से आग्रह किया था. हालांकि आयकर विभाग फिलहाल मामले में जांच ही कर रहा है.
गुजरात के हैं हवाला कारोबारी
हवाला रैकेट के सभी सदस्य गुजरात के रहने वाले हैं. गिरोह के तार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी जुड़े हैं. एसटीएफ यूनिट को कुछ दिन से लगातार हवाला कारोबार के बारे में जानकारी मिल रही थी. मंगलवार शाम को एसटीएफ को सूचना मिली कि जावरा कम्पाउंड स्थित नाकोड़ा बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर एक फ्लैट में सात लोग इकट्ठा हुए हैं. यह सभी हवाला कारोबार में लिप्त हैं. सूचना की तस्दीक होने पर पुलिस ने दबिश दे दी और आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी. आरोपियों ने हवाला कारोबार की बात स्वीकार कर ली, लेकिन उन्होंने मौके पर रकम होने से इंकार कर दिया. पुलिस ने भी घर में तलाशी ली लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला.काफी देर तक पुलिस परेशान होती रही. आरोपियों ने पुलिस को बरगलाने का प्रयास किया.
पुलिस ने घर के चप्पे चप्पे की तलाशी के बाद दीवार को एक हथोड़ी से ठोकना शुरू कर दिया. हालांकि इस दौरान भी पुलिस खाली हाथ रही. अंत में पुलिस को एक जगह आशंका हुई कि आरोपियों ने दीवार में एक विशेष चैंबर बनाया है, और वह एक मामूली स्केल से ही खुलता है. स्केल जब डरार से भीतर जाएगी, तब स्प्रिंग की मदद से दीवार पर लगा टाइल बाहर निकल आएगा. जानकारी मिलते ही पुलिस ने हथोड़ा छोड़कर स्केल ढूंढा और दीवार में दिखाई दे रही दरार में डाल दिया. टाइल बाहर आ गया और उसमे नोटों की रखी गड्डी नजर आने लगी. पुलिस को मौके से 70 लाख रुपये नगद, नोट गिनने की दो मशीन, नोट की गड्डी पर टेप चिपकने वाला स्टेपलर और अन्य सामान मिला. आरोपियों के रैकेट के बारे में स्थानीय पुलिस अनजान थी, उन्हें कभी इसके बारे में जानकारी नहीं लगी.
पिक्चर की तरह हूबहू आरोपियों ने घर की दीवार में चैंबर तैयार किया था और यहां से हवाला कारोबार चलाया जा रहा था. आरोपियों ने किराये का फ्लैट भी इसीलिए ऐसी जगह लिया था जो रहवासी इलाका था. आरोपियों को पूरा भरोसा था कि यदि किसी दफ्तर से यह व्यापार चलाया जाएगा तो जल्द ही पकड़ में आ जाएगा. उनकी संदिग्ध गतिविधि के बारे में जल्द ही किसी को भनक लग जाएगी, लेकिन पुलिस को भनक लग गई और उसने छापा मार दिया.