राजस्थान। राजस्थान में एक हथिनी गौरी ने अपनी पसंदीदा मिठाई मावे की गुंजी नहीं मिलने पर मिठाई दुकानदार को उठाकर पटक दिया. इसके बाद अपनी सूंड से उसे सड़क पर घसीटने लगी. बताया जा रहा है कि मिठाई दुकानदार ने उसे 'मावे की गुंजी' की जगह नाश्ते में गर्म और मसालेदार 'कचौरी' खिला दी थी, जिससे वो नाराज हो गई.
बता दें कि बीते 17 सालों से पर्यटक आमेर किला क्षेत्र में गौरी की सवारी का आनंद उठाते हैं. हर सवारी के दौरान वह प्रसिद्ध मावा की गुंजी मिठाई खाती है. तीन साल पहले जब वह बड़ी हुई, तो जंगल वालों ने उसे आमेर किले तक की सवारी में शामिल होने का मौका दिया. इस दौरान भी वह पर्यटकों से गुंजी खाकर ही उन्हें घुमाती थी. इस घटना को लेकर आमेर किले के अधीक्षक ने बताया कि सोमवार को जब वह उस दुकान पर गई, तो उसके साथ दो हाथी भी थे. दुकानदार ने गलती की और गौरी की जगह उसने बाकी हाथियों को गुंजी खिलाई और गौरी को मसालेदार कचौरी परोस दी.
अधिकारी ने कहा, 'हमेशा शांत दिखने वाली गौरी हथिनी ने जैसे ही कचौरी खाई, उसने मिठाई दुकानदार रूपनारायण कूलवाल को उठाकर सड़क पर पटक दिया. हथिनी के इस हमले से कूलवाल की पसली में चोट लगी है और उसका इलाज चल रहा है.' ये वही गौरी हथिनी है, जिसके जन्मदिन पर 2002 में पूरे अंबर से लोग और राजनेता जमा हुए थे. बता दें कि आमेर किला क्षेत्र में हाथियों का इतिहास 100 साल पुराना है. मगर, यहां गौरी से पहले किसी हाथी के बच्चे का जन्म नहीं हुआ था.
हालांकि, जब गौरी की मां को उसके मालिक इब्राहिम मंसूरी दूसरे राज्य से लाए थे, तो वह गर्भवती थी. उसी महावत परिवार के सदस्य उमरदीन ने बताया कि गौरी का स्वभाव शांत है. सब उसे प्यार भी करते हैं क्योंकि उसका जन्म यहीं हुआ था.
अंबर में हाथी के गुस्से की यह पहली कहानी नहीं है. 15 साल पहले जब एक पर्यटक जलेब चौक पर एक हाथी की तस्वीर ले रहा था, तो कैमरे की फ्लैश लाइट से चिढ़ने के बाद हाथी क्रोधित हो गया था और उसे कुचल दिया था. उस हादसे में पर्यटक की मौत हो गई थी.