हरियाणा नगर निकाय चुनाव: तीन शहरों में हारी बीजेपी

Update: 2022-06-23 06:03 GMT

हरियाणा। हरियाणा नगर निकाय चुनाव में बीजेपी ने भले ही आधे से ज्यादा शहरों में अपना कब्जा जमाने में कामयाब रही हो, लेकिन मुख्यमंत्री से लेकर डिप्टी सीएम और चार मंत्री अपने-अपने गृह क्षेत्र में सियासी मात खानी पड़ी है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह जिले करनाल में भाजपा तीन नगर निकायों में हार गई है. उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अपने गृह विधानसभा क्षेत्र उचाना की नगरपालिका में गठबंधन प्रत्याशी को नहीं जिता पाए. इतना ही नहीं खट्टर सरकार के कई मंत्री भी शहरी निकाय चुनाव में अपना किला नहीं बचा सके.

सूबे के 21 जिलों की 46 निकायों में से 22 चेयरमैन के पद पर बीजेपी अपने दमपर कब्जा जमाया है जबकि तीन 3 शहरों में गठबंधन सहयोगी जेजेपी जीतने में कामयाब रही. इसके अलावा 19 निकायों में निर्दलीय ने जीत हासिल की है तो एक शहर में आम आदमी पार्टी और एक निकाय में इनेलो ने जीत दर्ज की है. प्रदेश में पहली बार निकाय चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी खाता खोलने में सफल रही. वहीं, कांग्रेस नगर निकाय चुनाव में पार्टी सिंबल पर नहीं लड़ी थी, लेकिन कुछ जगहों पर निर्दलीय को समर्थन किया था. 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के गृह क्षेत्र करनाल जिले की चार नगर निकाय सीटों में से तीन सीटों पर बीजेपी को हारा का मूंह देखना पड़ा है. करनाल की तरावड़ी नगर निकाय में चेयरमैन के लिए बीजपी प्रत्याशी राजीव नारंग को निर्दलीय वीरेंद्र बंसल ने 538 वोटों से हराया. जिले की असन्ध नगर निकाय के चेयरमैन पद पर बीजेपी के लिए ऐसी ही तस्वीर बनी. कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार सतीश कटारिया ने बीजेपी के कमलजीत सिंह लाडी को 553 वोटों से हराया. इसके अलावा निसिंग में निर्दलीय उम्मीदवार रोमी सिंगला ने 2300 वोट से बीजेपी नेता जनक पोपली को हराया.

मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र चार नगर पालिकाओं में से 3 पर बीजेपी के चेयरमैन उम्मीदवारों की हार होने पर विपक्ष ने भाजपा पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. आम आदमी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नवीन जयहिंद भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर को हार की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. बीजेपी ने मुख्यमंत्री के इलाके में जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन उसके बाद भी चार में तीन नगर पालिकाओं में बीजेपी को हार मिली है.

सीएम ही नहीं डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के विधानसभा क्षेत्र उचाना की नगर पालिका सीट पर बीजेपी-जेजेपी गठबंधन प्रत्याशी पर निर्दलीय भारी पड़े है. ऐसे ही खट्टर सरकार में पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के गृह जिले फतेहाबाद में गठबंधन का एक ही उम्मीदवार जीत पाए हैं जबकि रनिया सीट से निर्दलीय विधायक और बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला अपने गृह क्षेत्र में गठबंधन प्रत्याशी को नहीं जिता सके.

बीजेपी विधायक और खेल मंत्री संदीप सिंह पिहोवा नगर पालिका में चेयरमैन पद पर बीजेपी प्रत्याशी को जिताने में सफल रहे, लेकिन इस्माईलाबाद में आम आदमी पार्टी से नहीं बचा सके. बावल नगर पालिका में मंत्री बनवारी लाल और नारनौल नगर पालिका में मंत्री ओपी यादव बीजेपी प्रत्याशी को जिताने में सफल नहीं रहे. शहरी निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता के गृह जिले हिसार में हांसी और बरवाला दोनों सीट पर गठबंधन प्रत्याशी हार गए. कृषि मंत्री जेपी दलाल के गृह जिले भिवानी में भिवानी नगर परिषद चेयरमैन आजाद उम्मीदवार बनी हैं.

बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता जहां अपने गढ़ में बीजेपी का चेयरमैन नहीं जिता सके, लेकिन पार्टी ने 46 में 22 नगर पालिका में अपना अध्यक्ष जिताकर अपनी बादशाहत साबित करने में सफल रही. हालांकि, कुछ सीटों पर दोनों दलों के नेता बागी होकर भी लड़े, लेकिन अधिक नुकसान नहीं हुआ. निर्दलीय चेयरमैन जीते 7 भाजपा और एक जेजेपी के ही बागी हैं. इनके देर-सवेर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के साथ आने की संभावना है. 

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