वन भूमि पर अवैध निर्माण मामले में हरियाणा सरकार ने मांगा समय, सुप्रीम कोर्ट ने कही यह बात
सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली । फरीदाबाद के अरावली वन क्षेत्र में अवैध निर्माण हटाने के मामले में शुक्रवार को हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सूरजकुंड रोड पर स्थित मैरिज फार्म और बैंक्वेट हाल के मामलों में जांच कर पता लगाया जा रहा है कि ये वन भूमि पर बने हैं कि नहीं। राज्य सरकार ने कोर्ट से कहा कि अभी जांच चल रही है। इसलिए कोर्ट मामले की सुनवाई 10 दिन के लिए टाल दे। कोर्ट ने अनुरोध स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई 20 अगस्त तक टाल दी।
यह आदेश जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मैरिज फार्म और बैंक्वेट हाल की ओर से दाखिल अर्जी पर सुनवाई टालते हुए दिया। हरियाणा सरकार की ओर से शुक्रवार को सालिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। मेहता ने कहा कि अर्जीकर्ताओं ने ज्ञापन दिए हैं। अभी जांच चल रही है कि इनका निर्माण वन भूमि में आता है कि नहीं। ऐसे में कोर्ट प्रदेश सरकार को 10 दिन का समय दे दे।
इस पर कोर्ट ने सुनवाई 20 अगस्त तक टाल दी। साथ ही अपना अंतरिम आदेश भी 20 अगस्त तक बढ़ा दिया। यह मामला 14 मैरिज फार्म और बैंक्वेट हाल की ओर से दाखिल की गई अर्जी का था। इसके अलावा शुक्रवार को कुछ नए अर्जीकर्ता भी कोर्ट आए। उन्होंने भी कोर्ट से मामले की जांच होने तक डिमोलेशन से संरक्षण दिए जाने की मांग की। पीठ ने कहा कि उसका आदेश बहुत स्पष्ट है। वन भूमि पर जो भी अवैध निर्माण होगा, वह हटाया जाएगा।
कोर्ट ने फरीदाबाद नगर निगम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अरुण भारद्वाज से कहा कि अगर अर्जीकर्ताओं का वन भूमि पर अवैध निर्माण है तो हटा दिया जाए और अगर वन भूमि पर नहीं है तो 20 अगस्त तक उसे न हटाया जाए। इस मामले में सूरजकुंड रोड पर स्थित 14 मैरिज फार्मों के मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर नगर निगम के अवैध निर्माण हटाने के लिए भेजे गए नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
मांग की है कि उनके खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। राज्य सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह स्पष्ट रूप से वन भूमि चिह्नित करे। यह भी कहा गया है कि नियम के मुताबिक शुल्क लेकर उनके मैरिज फार्म नियमित किए जाएं। अर्जीकर्ताओं का कहना है कि उनके मैरिज फार्म जहां हैं, वह जगह अधिसूचित वन क्षेत्र नहीं है।
मालूम हो कि खोरी गांव के पास वन भूमि से करीब 10 हजार अवैध निर्माणों को हटाने के मामले में कोर्ट 25 अगस्त को सुनवाई करेगा। कोर्ट ने फरीदाबाद नगर निगम को अवैध निर्माण हटाने के लिए 23 अगस्त तक का समय दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि वन भूमि पर हर तरह का अवैध निर्माण हटाया जाएगा। इसमें किसी तरह का अपवाद नहीं होगा।