हरियाणा : बिजली उत्पादन और इथेनॉल से सहकारी चीनी मिलों का घाटा कम करने की कवायद में जुटी सरकार

हरियाणा के सीएम मनोहरलाल ने कहा है कि प्रदेश की 11 सहकारी चीनी मिलों (Co-Operative Sugar Mills) का घाटा कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है

Update: 2021-11-08 17:31 GMT

हरियाणा के सीएम मनोहरलाल ने कहा है कि प्रदेश की 11 सहकारी चीनी मिलों (Co-Operative Sugar Mills) का घाटा कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इन मिलों में बिजली उत्पादन संयत्र और इथेनॉल संयत्र लगाए जा रहे हैं. इथेनॉल (Ethanol) के संयत्र लगने से देश को विदेशी मुद्रा का लाभ मिलेगा. सरकार चीनी मिलों को विस्तारित करने में 660 करोड़ रुपये लगा रही है. धीरे-धीरे सभी सहकारी चीनी मिलों में बिजली उत्पादन और इथेनॉल संयत्र लगाए जाएंगे. इससे चीनी मिलों की आमदनी बढ़ेगी और घाटा कम होगा.

करनाल में सहकारी चीनी मिल की शुरुआत करते हुए सीएम ने यह बात कही. मनोहर लाल ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करना उनकी सरकार का मुख्य लक्ष्य है. सरकार लगातार प्रोग्रेसिव किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. इसके साथ-साथ अन्य किसानों को भी परंपरागत खेती (Traditional Farming) की बजाय फलों व सब्जियों से जुड़ी खेती करने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है.
खाद की कमी नहीं आने दी जाएगी
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि किसानों को गेहूं व सरसों (Mustard) की बिजाई में खाद की कमी नहीं आने दी जाएगी. लगातार केंद्रीय मंत्री से बातचीत कर खाद की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा रहा है. हर दिन की मांग के मुताबिक पर्याप्त खाद हरियाणा पहुंच रही है. मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया कि उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी.
नई सिंचाई तकनीक अपनाएं किसान
मनोहरलाल ने किसानों से नई सिंचाई तकनीक अपनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि भूमिगत जल के लगातार इस्तेमाल से कुछ इलाके डार्क जोन में जा रहे हैं. ऐसे में किसानों को ड्रिप, टपका आदि नई-नई तकनीक के माध्यम से सिंचाई करनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने सिंचाई व्यवस्था को लेकर इजराइल का उदाहरण भी दिया, जहां सीधे सिंचाई न करके अलग-अलग तकनीक के माइक्रो गरीगेशन किया जाता है.
पराली न जलाएं किसान
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को पराली नहीं जलानी चाहिए. इससे प्रदूषण बढ़ता है. सरकार पराली न जलाने वाले किसानों को 1 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दे रही है. इसके अलावा रेड जोन इलाकों में जो पंचायतें पराली न जलाने का सर्टिफिकेट दे रही हैं उन्हें 10 लाख रुपये की विकास अनुदान राशि भी दी जा रही है.
सिर्फ कुछ लोगों का आंदोलन
मनोहरलाल ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर कहा कि यह किसानों का नहीं बल्कि कुछ लोगों का आंदोलन है. अगर वे जिद छोड़ दें तो इसका समाधान हो जाएगा. रास्ता रोकने की वजह से जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है. अगर जिद छोड़कर बातचीत करें तो समस्या का हल होने में देर नहीं होगी.


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