हरिद्वार धर्म संसद: आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं का कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन

धर्म संसद में भड़काऊ भाषण मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मंगलवार को आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया

Update: 2022-01-04 14:50 GMT

धर्म संसद में भड़काऊ भाषण मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मंगलवार को आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। प्रदेश अध्यक्ष महक सिंह ने कहा कि हेट स्पीच की वीडियो वायरल होने से देशभर में हरिद्वार की बदनामी हुई है। आपसी भाईचारे और सद्भाव पर सवाल उठने लगे हैं।

महक सिंह ने कहा कि भड़काऊ भाषण में कुछ लोगों ने विशेष समुदाय के सामूहिक नरसंहार की बात कही थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन आरोपियों के दबाव में है और जिसके चलते गिरफ्तारी नहीं हो रही है। वक्ताओं ने कहा कि हेट स्पीच के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के पास ठोस सबूत हैं। देश संविधान से चलता है और संविधान में हर धर्म को बराबर की मान्यता दी है।
भड़काऊ भाषण संविधान के खिलाफ है। देश में शांति और भाईचारे के लिए यह खतरा है। धर्म संसद में भड़काऊ भाषण के आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। उत्तराखंड में ऐसे लोगों पर प्रतिबंध लगाया जाए। महक सिंह ने कहा कि धर्म संसद के आरोपियों की गिरफ्तारी तत्काल की जाए। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष मो एहतेशाम, जिलाध्यक्ष शेखर कुमार, तीरथ कर्णवाल, प्रमोद महाजन, सुशील पाटिल, गगन, गुलबहार, शिव कुमार डीके, अर्जुन, अनिल, सुनील कुमार मोंगा समेत कई लोग मौजूद रहे। कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा।
दूसरी एफआईआर में नरसिम्हानंद समेत दस आरोपी
हरिद्वार धर्म संसद में भड़काऊ बयान मामले में ज्वालापुर पुलिस ने दूसरी एफआईआर दर्ज की है, जिसमें यति नरसिम्हानंद गिरि समेत 10 लोगों के नाम हैं। 16-19 दिसंबर तक चली धर्म संसद में मुस्लिमों के खिलाफ घृणा फैलाने वाले भाषण दिये जाने को लेकर नदीम अली की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की।
पुलिस की एफआईआर में आयोजक यति नरसिम्हानंद गिरि, जितेंद्र नारायण त्यागी, सिंधु सागर, धर्मदास, परमानंद, साध्वी अन्नपूर्णा, आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चह्वाण और प्रबोधानंद गिरि के नाम हैं। रविवार को दर्ज एफआईआर को ज्वालापुर थाने से शहर के थाने में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां इस मामले की पहली एफआईआर दर्ज है। वहीं मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन भी हुआ। विधानसभा चुनाव के बीच इस धर्म संसद को लेकर प्रदेश में भाजपा पर काफी दबाव है।
एसएसपी हरिद्वार से डीजीपी ने मांगा स्पष्टीकरण
धर्म संसद मामले के बाद फोन न उठाए जाने के मामले में डीजीपी ने एसएसपी हरिद्वार से स्पष्टीकरण मांगा है। बताया जा रहा है कि इस मामले के बाद एसएसपी मीडिया कर्मियों के फोन कॉल तक रिसीव नहीं कर रहे हैं। इस तरह का यह पहला मामला है जब डीजीपी ने किसी जिले के कप्तान से जवाब तलब किया है।
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