अलवर। ऑल इंडिया मजलिस.ए.इत्तेहाद.उल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राजस्थान सरकार का प्रशासन चाहता तो भरतपुर जिले के घाटमीका के दो युवकों की जान बचाई जा सकती थी। ओवैसी आज एकदिवसीय अलवर दौरे पर आए। ओवैशी के शाम को भरतपुर जिले के पहाड़ी इलाके के घाटमीका गांव जाने का भी कार्यक्रम है जहां दोनों मृतकों के परिवारों से मिलकर ढांढस बंधायेंगे।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए ओवैशी ने कहा कि प्रशासन अगर चाहता तो उन दोनों युवकों को बचाया जा सकता था लेकिन प्रशासन ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। परिणाम स्वरूप दोनों युवकों को हरियाणा में जिंदा जला दिया गया। उन्होंने कहा कि एफआईआर (FIR) में नाम होने के बाद राजस्थान और हरियाणा की सरकार को गिरफ्तार करना चाहिए और जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में नासिर के भाई इसराइल ने पुलिस को भी सूचना दी थी।
ओबीसी के आने से तनावपूर्ण माहौल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरा प्रोग्राम पहले से ही डिसाइड हुआ था और उन्होंने सवाल किया कि जब वहां सीएम जा सकते हैं तो मैं क्यों नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि कानून को हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है और ना ही कोई इजाजत देता है। उन्होंने कहा कि जब ऐसे मामलों में सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती तो असल में यही वोट बैंक होता है और उनकी नजरों में जान की कोई कीमत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब उनके परिजनों ने अपने बच्चों की जली हुई लाश देखी होंगी तो क्या बीती होगी। उन्होंने कहा कि देश की पार्लियामेंट राजस्थान की विधानसभा हरियाणा की विधानसभा के लोगों पर भी ऐसे मामले दर्ज हैं तो सबको मार देंगे। इनकी जान की कीमत है और इन युवकों की जान की कीमत नही है। आरोप है तो सजा अदालत को सजा देनी चाहिए। अदालत उन पर आरोप तय करें।
उन्होंने बताया कि अभी वह घाट मीका जाएंगे। इसके बाद परिवार से मुलाकात करेंगे परिवार को दिलासा दिलाएंगे। उन्होंने सीधा सीधा आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ऐसे लोगों को ताकत देती है। संरक्षण देती है और पुलिस और प्रशासन को एक्शन नहीं लेते। अगर एक्शन लेता तो जुनैद और नासिर के साथ यह हादसा नहीं होता। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी फेसबुक पर लाइव अपने हाथों में हथियार दिखाकर लहराते हैं और लाइव करते हैं कासिम को गोली मारी गई।