ज्ञानवापी मस्जिद: मुस्लिम पक्ष ने ASI सर्वे रोकने के लिए दी दलील

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Update: 2023-08-09 12:14 GMT
वाराणसी। ज्ञानवापी में कोर्ट के निर्देश के बाद चल रहे ASI सर्वे को रोकने की मांग को लेकर एक बार फिर मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट का रुख किया है। जिला सत्र न्यायालय में मुस्लिम पक्ष ने नए दलीलों के साथ ASI सर्वे को रोकने का मांग किया है। वहीं ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मीडिया की रिपोर्टिंग पर भी मुस्लिम पक्ष ने सवाल खड़ा करते हुए जिला आदालत में याचिका दाखिल किया। जिस पर जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की आदलत में दोनो याचिकाओं पर सुनवाई की गई।

जिला न्यायालय में पहली सुनवाई ज्ञानवापी में मुस्लिम पक्ष के द्वार ASI सर्वे पर रोक लगाने की मांग पर लिया गया। मुस्लिम पक्ष ने दलील दिया, कि ASI सर्वे नियमों के विरुद्ध किया जा रहा है। मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता के अनुसार ASI सर्वे एक वैज्ञानिक सर्वे है, जिसमे सरकार का काफी खर्च होता है। ऐसे में नियम है कि ASI सर्वे के खर्च (फीस) वादी पक्ष के द्वारा सर्वे से पहले जमा किया जाए, लेकिन ज्ञानवापी सर्वे से पहले वादी पक्ष के द्वारा कोई शुल्क जमा नही किया गया और ASI सर्वे भी शुरु कर दिया गया, जो पूरी तरह नियमो के विरुद्ध है। ऐसे ही कई प्वाइंट को आई इंगित करते हुए मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने एसी सर्वे को रोकने की मांग किया। जिला न्यायाधीश ने इस प्रकरण पर हिंदू पक्ष से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख को किए किया है।
वहीं दूसरी याचिका मीडिया रिपोर्ट के लेकर की गई, जिसमे मीडिया में हिंदू पक्ष के द्वारा की जा रही बयानबाजी पर रोक लगाए जाने और ASI सर्वे के बारे में मीडिया को एम बताए जाने की मांग की गई। इस मामले में मीडिया की रिपोर्टिंग पर जिला न्यायाधीश ने भी नाराजगी व्यक्त किया। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि मीडिया को लेकर न्यायालय ने काफी कड़ा रुख अपनाया है। मीडिया ज्ञानवापी के साक्ष्यों को लेकर कई दवा किया, ASI सर्वे एक गोपनीय प्रक्रिया है और इसे पब्लिक डोमेन में सर्वे के दौरान पब्लिक डोमेन में नही आना चाहिए। अधिवक्ता ने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट जब ASI टीम न्यायालय में पेश कर देगा और जब उसकी नकल वादी और प्रतिवादी को सौंप दिया जाए, फिर उस साक्ष्य को पब्लिक डोमेन में लाया जा सकता है।
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