जिंदगी की जंग हार गए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, देश भर में की जा रही थीं दुआएं, पिता भी थे सेना में

जानिए परिवार के बारे में...

Update: 2021-12-15 08:21 GMT

Group Captain Varun Singh Dies: तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में एकमात्र जिंदा बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का भी निधन हो गया है. हादसे में बुरी तरह जख्मी हुए कैप्टन वरुण सिंह एक हफ्ते से वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल में जिंदगी-मौत की जंग लड़ रहे थे. लेकिन बुधवार को उन्होंने भी दम तोड़ दिया. ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन के बाद हेलीकॉप्टर हादसे में सवार सभी 14 यात्रियों की मौत हो गई.

8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में वायुसेना का Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था. इसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 12 लोगों की उसी दिन मौत हो गई थी. ग्रुप कैप्टन को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने भी हफ्तेभर बाद दम तोड़ दिया.
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान के बैचमैट रहे हैं. अभिनंदन वर्धमान ने ही 27 फरवरी 2019 को भारत की सीमा में घुसे पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ा था. वरुण सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील के खोरमा कन्हौली गांव के रहने वाले हैं. डीएसएससी में पदस्थ होने के चलते उनका पूरा परिवार तमिलनाडु में रहता है. ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, कांग्रेस नेता और प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह के भतीजे हैं.
साल 2020 में एक हवाई इमरजेंसी के दौरान अपने LCA तेजस लड़ाकू विमान को बचाने के लिए वरुण सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है. इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर इस कैप्टन को इस सम्मान से नवाजा गया था.
कैप्टन वरुण सिंह का जन्म दिल्ली में हुआ था. उनकी उम्र 42 साल थी. पिता कृष्ण प्रताप सिंह सेना में कर्नल पद से रिटायर्ड हुए थे. वरुण के छोटे भाई तनुज सिंह मुम्बई में नेवी में पोस्ट में हैं. वरुण पत्‍नी गीतांजली, बेटे रिद रमन और बेटी आराध्या के साथ ही रहते थे.
वरुण सिंह के पिता पांच भाई हैं. इनमें से दिनेश प्रताप सिंह वकील हैं जो डीजीसी रहे हैं. उमेश प्रताप सिंह रिटायर्ड इंजीनियर हैं. कृष्ण प्रताप सिंह रिटायर्ड कर्नल हैं. रमेश प्रताप सिंह रिटायर्ड कर्नल हैं. अखिलेश प्रताप सिंह कांग्रेस से रुद्रपुर से विधायक रहे हैं और अभी पार्टी के प्रवक्ता हैं.
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