नई दिल्ली। चुनाव से पहले आम जनता के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. महंगाई 10 महीने के निचले स्तर पर आ गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, रिटेल महंगाई मार्च 2024 में घटकर 4.85% पर आ गई है. इससे पहले फरवरी 2024 में महंगाई 5.09% रही थी. मार्च में खाने-पीने के सामान की कीमतें घटी है. RBI की महंगाई को लेकर रेंज 2%-6% है. महंगाई दर अभी भी RBI के आदर्श लेवल 4% से अधिक है, जिसे कंट्रोल करने की केंद्रीय बैंक पूरी कोशिश करेगा. फरवरी में भारत का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन चार महीने के उच्चतम स्तर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच गया. पिछले महीने यह 4.2 फीसदी था. खाद्य महंगाई की बात करें जो कुल उपभोक्ता मूल्य टोकरी का लगभग आधा हिस्सा है, वह मार्च में 8.52% बढ़ गया है, जो फरवरी में 8.66% की वृद्धि से मामूली कम है. मार्च में ईंधन की कीमतों में साल-दर-साल के आधार पर 3.2% की गिरावट देखी गई है, जबकि फरवरी में 0.77% की गिरावट आई थी.
महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को बड़ी राहत मिली है. साथ ही सरकार की कोशिशें भी रंग लाई हैं. मार्च में खुदरा महंगाई दर 10 महीने में सबसे कम रही है. खाने-पीने की चीजें सस्ती होने से खुदरा महंगाई दर में ये गिरावट दर्ज की गई है. दरअसल, नेशनल स्टैटिकल ऑफिस की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश की खुदरा महंगाई दर मार्च में घटकर 4.85 फीसदी पर आ गई. इससे पहले फरवरी में खुदरा महंगाई दर 5.09 फीसदी थी. मार्च में खाद्य महंगाई दर 8.66 फीसदी से घटकर 8.52 फीसदी पर पहुंच गई है. इसके अलावा सब्जी और दाल के दामों में भी गिरावट आई है. पिछले महीने जूते-चप्पलों की कीमतों में भी गिरावट देखी गई.
ताजा आंकड़ों के अनुसार मार्च में शहरी महंगाई दर 4.78 फीसदी से घटकर 4.14 फीसदी (MOM) रह गई. हालांकि, इस दौरान ग्रामीण महंगाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. ग्रामीण महंगाई फरवरी के 5.34 फीसदी बढ़कर मार्च में 5.45 फीसदी हो गई. मार्च के महीने में सब्जी की महंगाई दर 28.34 फीसदी हो गई है, जो फरवरी के महीने में 30.25 फीसदी थी. इसके अलावा दाल की महंगाई दर 18.90 फीसदी से घटकर 17.1 फीसदी हो गई. बता दें, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई को काबू में करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. फिलहाल खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टारगेट के दायरे में है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने खुदरा महंगाई दर को 4 फीसदी पर रखने के लिए निर्धारित किया है. इसमें 2 फीसदी ऊपर-नीचे का दायरा भी रखा है. यानी खुदरा महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के बीच रखने की कोशिश रहेगी.