नई दिल्ली: वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में 2 दिसंबर तक ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू रहेंगी। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि बस स्कूलों को प्रतिबंध से छूट रहेगी। इसका मतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में स्कूल हाइब्रिड मोड में चलते रहेंगे जैसा कि जैसा कि कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) ने सिफारिश की थी।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि स्कूलों से संबंधित उपायों को छोड़कर ग्रैप-4 के तहत सभी पाबंदियां दो दिसंबर तक लागू रहेंगी। इस बीच सीएक्यूएम को बैठकें करके सलाह देने को कहा है कि ग्रैप-4 से ग्रैप-3 या 2 की तरफ किस तरह बढ़ा जाए। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि 'कोर्ट कमिश्नर' की रिपोर्ट से पता चलता है कि अधिकारी ग्रैप-4 के तहत पाबंदियों को सही तरीके से लागू करने में 'पूरी तरह विफल' रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि 'ग्रैप-4' की पाबंदियों को सुनिश्चित करने में 'गंभीर चूक' करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लानी चाहिए।
दिल्ली में गुरुवार को सुबह प्रदूषण का स्तर थोड़ा बढ़ गया और वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 9 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 313 दर्ज किया गया, जबकि बुधवार को सुबह नौ बजे यह 301 था। राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की मोटी परत छाई रही। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है।