'जनजातीय महोत्सव' का हुआ भव्य आयोजन

Update: 2022-08-05 11:48 GMT
दिल्ली। मशाल सोशल वेल्फेयर सोसाईटी (रजि०) के तत्वाधान में देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के बनने के शुभ-अवसर पर 'जनजातीय महोत्सव' का भव्य आयोजन किया गया। नई दिल्ली: मशाल सोशल वेल्फेयर सोसाईटी (रजि०) के तत्वाधान में देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के बनने के शुभ-अवसर पर 'जनजातीय महोत्सव' का भव्य आयोजन किया गया।

जनजातीय महोत्सव नई दिल्ली स्थित एनडीएमसी, कन्वेंशन, सेंटर में बड़ी धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया| इस शुभ-अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रवास करने वाले सैकड़ों आदिवासी समुदायों ने भाग लिया वहीँ देश के विभिन्न राज्यों के क्षेत्रीय कलाकार झारखण्ड, छतीसगढ़, उड़ीसा, बंगाल, असम, मेधालय, मनीपुर, केरला, तमिलनाडु, उत्तराखंड आदि से अपने पारंपरिक वेशभूषा के साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की|

कार्यक्रम में मंच संचालन के लिए संस्था के उपाध्यक्ष श्री आलोक मिचयारी, कुमारी रानी बड़ाईक और जेसिका बड़ाईक के द्वारा की गयी। इस शुभ-अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि माननीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा एवं पूर्व जनजातीय केन्द्रीय मंत्री श्री जुएल ओराम जी शामिल हुए तथा अति विशिष्ट अतिथि स्वरूप राज्य सभा सांसद सह राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा अ.ज.जा. मोर्चा से श्री समीर उरांव, पूर्व सांसद श्री महेश पोद्दार, पद्मश्री डाॅक्टर मुकूट मिंज आदि ने कार्यक्रम में शिरकत की। इनके अतिरिक्त कई विशेष अतिथिगण एवं भारत सरकार से सेवानिवृत आई.ए.एस./आई.पी.एस. नेता, शिक्षाविद, समाजसेवी एवं गणमान्य हस्तियों ने भाग लिया |

जनजातीय महोत्सव में संस्था के अध्यक्ष मोहन बड़ाईक ने अपने संबोधन में उपस्थित समस्त अतिथिगणों का अभिवादन करते हुए कहा कि मशाल सोशल वेल्फेयर सोसाईटी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पिछले 25 वर्षों से कार्यरत है। मशाल की स्थापना मोहन बड़ाईक जी के नेतृत्व में सन. 1999 में की गयी थी जिसे कानूनी रूप से सन. 2005 में पंजीकृत किया गया। मशाल एक गैर-सरकारी राष्ट्रीय संगठन है जिसका लक्ष्य है। देश के सुविधाविहिन आदिवासी एवं पिछड़े समाज को अंधेरे से उजाले की ओर ले जाते हुए उनके विकास के लिए कार्यरत है। वंचित आदिवासी पिछड़े समाज को उनके हक और अधिकार दिलाने के साथ-साथ गौरवपूर्ण जीवन व्यतीत करने के लिए मार्गदर्शन के साथ महत्वपूर्ण कार्य कर रही है, वहीं समाज में दया, प्रेम और भाईचारे का संदेश मशाल कई कार्यक्रम आयोजित कर देश और दुनियाभर में अपना संदेश जन-जन पहुंचाने का कार्य कर रही है। इसके अतिरिक्त संस्था के अंतर्गत देशभर में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आदिवासी पौराणिक सांस्कृतिक पारम्परा, कला संस्कृति, वेश-भूषा, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार ईत्यादि और उनके विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है।

दिल्ली में जनजातीय महोत्सव के सफल आयोजन की पीछे मुख्य रूप से माननीय केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा और पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री जुएल ओराम जी का सार्थक सहयोग रहा उनके मार्गदर्शन एवं सहयोग से जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC), इंजीनयर इंडिया लिमिटेड (EIL), नेशनल एलुमिनियम कंपनी कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NALCO) आदि का सहयोग रहा एवं अन्य संस्थानों द्वारा सहयोग के लिए हाथ बढ़ाने वालों में मुख्य रूप से CASA, YWCA OF DELHI, ST. THOMAS SCHOOL NEW DELHI, YMCA NEW DELHI और National Council of YMCA हैं। मैं इन समस्त संस्थानों का तहे दिल से सहयोग हेतू आगे आने के लिए अभार व्यक्त करता हूँ, और साथ ही जनजातीय महोत्सव का सफल आयोजन के लिए सबों को हार्दिक शुभकामनाएँ सहित बहुत-बहुत बधाई देता हूँ, और अपेक्षा करता हूँ कि भविष्य में इसी प्रकार जनजातियों की सेवा में कार्यरत मशाल सोशल वेल्फेयर सोसाईटी को अपना महत्वपूर्ण मार्गदर्शन सहित बहुमूल्य योगदान एवं सहयोग करते रहें ।

कार्यक्रम में मशाल संगठन और जनजातीय मंत्रालय ट्राईफेड द्वारा आदिवासी हस्तशिल्प, कला, व्यंजन और अन्य सामग्रियों का प्रदर्शन के साथ-साथ जनजातीय ज्वलंत मुद्दों पर सेमीनार का आयोजन भी किया गया था|

आयोजन समिति सदस्यों में मुख्य रूप से उपस्थित मंच संचालक सह संस्था के उपाध्यक्ष श्री आलोक मिच्यारी, रानी बड़ाईक और जेसिका बड़ाईक ने किया । आयोजन समिति में मुख्य रूप से संस्था की महासचिव रोजीना बक्कर सहित गंगाराम गगराई, प्रतिमा मिंज, नवीन बड़ाईक, अनिता किंडो, शीबा किरो, ग्रेस लिली, मीनू चौहान, मेरिड एक्का, विमल राज आदि कई लोग रहे।

जनजातीय महोत्सव में शामिल विशिष्ट अतिथियों में उपस्थित अध्यक्ष नई दिल्ली वाईएमसीए श्री फेलिक्स फर्नांडिस, महासचिव मार्कलाइव, अशोक बड़ाईक, आनंद साहू,  सतीश भाँगड़, मो. अस्फार इमाम, सी. एल मीणा, श्रीमती मधु श्रीवास्तव, डॉ. ए. कच्छप, के.सी. घुमरिया, प्रवीण होरो सिंह, अशोक सिंह, डॉ स्वेता डागर, डॉ सिद्धार्थ गुप्ता, नवीन बड़ाईक इत्यादि कई गणमान्य लोग उपस्थित हुए |

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