बिहार में एआईएमआईएम से 'डरा' महागठबंधन, 'काट' खोजने की नसीहत!

Update: 2022-12-21 07:25 GMT

फाइल फोटो

पटना (आईएएनएस)| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) से सतर्क रहने की नसीहत के बाद इतना तय माना जा रहा है कि एआईएमआईएम की चुनावों में मिल रहे समर्थन से महागठबंधन न केवल चिंतित है बल्कि इसकी काट ढूंढने में भी जुटी हुई है। वैसे, एआईएमआईएम की काट ढूंढने में महागठबंधन के नेता कितने सफल होंगे यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन जानकार कहते हैं कि इसमें कोई शक नहीं कि एआईएमआईएम महागठबंधन के लिए एक चुनौती है।
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा भवन में अपने कक्ष में कुछ पत्रकारों की मौजूदगी में ही महागठबंधन के कुछ विधायकों को एआईएमआईएम से सतर्क रहने की नसीहत दी है।
Full View
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने चेम्बर में विधायकों से बातचीत के दौरान सलाह देते हुए कहा कि अल्पसंख्यक समाज के लोगों को एआईएमआईएम की रणनीति के बारे में बताइये नहीं तो आगे बहुत दिक्कत होगी।
उन्होंने यहां तक कहा कि एआईएमआईएम भाजपा के इशारे पर काम कर रही है।
इसमें कोई शक नहीं कि नीतीश कुमार राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं और हाल के उप चुनावों में जिस तरह परिणाम सामने आए हैं, उससे महागठबंधन को चिंतित होना लाजमी है।
गोपालगंज में हुए उप चुनाव में एआईएमआईएम उम्मीदवार को 12,000 से अधिक वोट मिले थे जबकि कुढ़नी में इस पार्टी को करीब 3200 मत मिले। महागठबंधन के प्रत्याशी को इन दिनों उप चुनावों में छोटे अंतर से हार का सामना करना पड़ा है।
महागठबंधन में शामिल राजद का वोट बैंक मुस्लिम, यादव समीकरण को माना जाता है। ऐसे में कहा जाता है कि मुसलमानों के वोट कटने का सीधा नुकसान महागठबंधन को ही होगा।
राजनीति के जानकार अजय कुमार भी कहते हैं कि इसमें कोई शक नहीं कि एआईएमआईएम के बिहार में आने का नुकसान महागठबंधन को ही उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सीमांचल की अधिकांश सीटों पर मुस्लिम मतदाता चुनाव परिणाम को प्रभावित करते हैं।
Full View
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने मुस्लिम बहुल सीमांचल में पांच सीटें जीतकर अपनी ताकत का एहसास अन्य दलों को करा दिया है। हालांकि एआईएमआईएम के चार विधायक बाद में राजद में शामिल हो गए।
वैसे, एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमाम कहते हैं कि कोई भी पार्टी अपने विस्तार को लेकर सचेत है। नीतीश कुमार तो वर्षों तक भाजपा के ही साथ रहे हैं। आज भी वे भले महागठबंधन में हैं लेकिन विधानसभा चुनाव में वे भाजपा के ही साथ थे।
उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम पूरे बिहार में अपना जनाधार बढ़ाने में जुटी है।
Tags:    

Similar News

-->